धर्म डेस्क। भारतीय संस्कृति में हर पर्व के साथ कुछ पारंपरिक मान्यताएं जुड़ी होती हैं। दीपावली, जिसे प्रकाश पर्व कहा जाता है, भी इससे अछूती नहीं है। इस दिन लक्ष्मी पूजा, दीप जलाने और मिठाइयां बांटने के अलावा एक और दिलचस्प मान्यता प्रचलित है अगर दीपावली के दिन आपको छिपकली दिखाई दे जाए, तो यह सौभाग्य का संकेत माना जाता है।
अक्सर देखा गया है कि दीपावली से कुछ दिन पहले घरों में छिपकलियां नजर आना बंद हो जाती हैं। इसके पीछे कई कारण हैं।
पहला कारण है- दीपावली की सफाई। इस त्यौहार से पहले घर की गहराई से सफाई की जाती है, जिससे कीड़े-मकोड़े और मक्खियां खत्म हो जाते हैं। चूंकि छिपकलियां इन्हीं पर निर्भर रहती हैं, इसलिए भोजन की कमी होने से वे भी घर छोड़कर चली जाती हैं।
छिपकलियां ठंडे खून वाले प्राणी होती हैं, यानी वे अपने शरीर का तापमान खुद नियंत्रित नहीं कर सकतीं। जैसे ही ठंड बढ़ने लगती है खासकर अक्टूबर से फरवरी-मार्च के बीच, वे हाइबरनेशन में चली जाती हैं। इस अवस्था में वे अपनी चयापचय क्रियाओं (Metabolic Activities) को धीमा कर लेती हैं और ऊर्जा की बचत करती हैं।
इस दौरान वे दीवारों की दरारों, पेड़ों की छालों या पत्थरों के नीचे छिप जाती हैं। इसलिए दीपावली के समय, जब ठंड की शुरुआत होती है, छिपकलियां स्वाभाविक रूप से दिखाई देना बंद हो जाती हैं।
जैसे ही मौसम गर्म होने लगता है और तापमान बढ़ता है, छिपकलियां फिर से सक्रिय हो जाती हैं। मार्च-अप्रैल से लेकर गर्मियों तक वे घरों की दीवारों और छतों पर दिखाई देने लगती हैं।
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दीपावली पर छिपकली दिखना एक पुरानी शुभ मान्यता है, जो शायद प्रकृति के चक्र से जुड़ी हुई है। जहां लोक मान्यता इसे सौभाग्य का संकेत मानती है, वहीं विज्ञान इसके पीछे प्राकृतिक हाइबरनेशन प्रक्रिया को जिम्मेदार बताता है। इस तरह, यह मान्यता परंपरा और विज्ञान दोनों का सुंदर संतुलन पेश करती है।