
धर्म डेस्क: हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत रखने का विधान है। मार्गशीर्ष माह की उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2025) विशेष मानी जाती है। इस दिन श्रद्धालु व्रत और तुलसी पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन तुलसी माता से जुड़े नियमों का पालन करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर घर में स्थायी रूप से वास करती हैं।
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धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी तिथि पर तुलसी माता निर्जला व्रत करती हैं, इसलिए इस दिन तुलसी में जल चढ़ाना वर्जित माना गया है। तुलसी में जल अर्पित करने से उनका व्रत भंग हो सकता है। साथ ही, तुलसी के पत्ते तोड़ना भी निषिद्ध है, क्योंकि इससे मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और व्रत का पूर्ण फल नहीं मिलता।
एकादशी के दिन तुलसी के पौधे के पास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि गंदगी होने से घर में मां लक्ष्मी का वास नहीं होता और जीवन में आर्थिक संकट बढ़ सकता है। इसके अलावा, तुलसी को गंदे या जूठे हाथों से छूना अशुभ माना गया है। ऐसा करने से घर में नकारात्मकता बढ़ती है और सौभाग्य कम होता है।
उत्पन्ना एकादशी 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त (Utapnna Ekadashi Date Shubh Muhurat)
व्रत पारण समय (Utpanna Ekadashi 2025 Vrat Paran Time):
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