
धर्म डेस्क। सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व बताया गया है, जिसमें सोने की दिशा को लेकर कई महत्वपूर्ण नियमों का उल्लेख मिलता है। माना जाता है कि सही दिशा में सोने से नींद संबंधी परेशानियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए वास्तु के अनुसार किस दिशा में सोना शुभ माना जाता है, यह जानना जरूरी है।
सोने की शुभ दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार सोते समय दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर सिर रखना सर्वोत्तम माना गया है। इन दिशाओं में सोने से मन में शांति बनी रहती है, तनाव कम होता है और थकान दूर होने में मदद मिलती है। इच्छा हो तो किसी ज्योतिषी से भी सलाह ली जा सकती है।
किन दिशाओं से बचना चाहिए
सोने की दिशा चुनते समय सावधानी रखना जरूरी है। पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोना वास्तु में उचित नहीं माना गया है, क्योंकि इससे जीवन में विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। उत्तर दिशा में सिर रखकर सोना भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, इसलिए इससे बचने की सलाह दी जाती है।
सोने से पहले क्या करें
सोने से पहले अपने इष्ट देव का ध्यान करना शुभ माना गया है। इस समय किसी के प्रति गलत विचार न रखें। हाथ-पैर धोकर सोना चाहिए और सुबह की शुरुआत देवी-देवताओं के ध्यान से करनी चाहिए।
सोने से पहले जपा जाने वाला मंत्र
गायत्री मंत्र- ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।
सनातन धर्म में गायत्री मंत्र का विशेष महत्व है। सोने से पहले इसका जप मानसिक शांति देता है और एकाग्रता व आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इसका जप करने से बुरे सपने भी दूर रहते हैं।
नकारात्मक ऊर्जा दूर करने का उपाय
यदि जीवन में नकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हो रहा हो, तो सोने से पहले सिरहाने के पास तांबे के लोटे में पानी भरकर रखें और सुबह उस जल को किसी पौधे में अर्पित कर दें। वास्तु मान्यता है कि इससे नींद संबंधी समस्याएं कम होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।