Hariyali Amavasya 2025 पर करें ये दो काम, जीवन में सुख और समृद्धि को कोई नहीं रोक पाएगा
Hariyali Amavasya 2025 Upay: ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के अनुसार, हरियाली अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए उपाय किए जाते हैं। इससे पितृ तो आशीर्वाद प्रदान करते ही हैं, भगवान शिव भी भक्त पर प्रसन्न होते हैं।
Publish Date: Thu, 24 Jul 2025 09:47:14 AM (IST)
Updated Date: Thu, 24 Jul 2025 09:47:14 AM (IST)
हरियाली अमावस्या के त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है।HighLights
- अमृत सिद्धि, सर्वार्थ सिद्धि योग में हरियाली अमावस्या
- पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किए जाते हैं उपाय
- इससे भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और कृपा करते हैं
धर्म डेस्क, इंदौर। सावन (Sawan 2025) में आने वाली अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) या श्रावण अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हरियाली अमावस्या 24 जुलाई को मनाई जा रही है।
ग्वालियर के ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि इस दिन पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए विशेष विधि-विधान किए जाते हैं। मान्यता है कि पितृ कार्य और शिवपूजन दोनों करने से न केवल पितरों का आशीर्वाद मिलता है, बल्कि भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना अत्यंत शुभ माना गया है। यदि नदी स्नान संभव न हो, तो घर पर ही बाल्टी या टब में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर स्नान कर सकते हैं।
तीन शुभ योग ने बढ़ाया महत्व
- सावन माह की अमावस्या के दिन तीन शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा। इस योग में किए गए कार्य सफल होंते हैं। इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।
सावन मास में चारों तरफ हरियाली होती है। वर्षा की वजह से मौसम सुहाना होता है और पेड़-पौधों में अलग चमक दिखाई देती है। इस हरे-भरे वातावरण के चलते सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।
हरियाली अमावस्या के मौके पर पितर पूजा और नवग्रह शांति पूजा कराने का भी महत्व है। इसके साथ ही शिव पूजन का बड़ा महत्व माना जाता है। इसके साथ ही पौधे लगाने का महत्व है। इस दिन आम, आंवला, नीम, बरगद, पीपल आदि के पौधे लगाने का बड़ा महत्व है।