धर्म डेस्क, नई दिल्ली। अनंत चतुर्दशी हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की उपासना के लिए मनाया जाता है। यह दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसी दिन गणेश उत्सव का समापन होता है और श्रद्धालु बड़े हर्षोल्लास के साथ गणपति विसर्जन करते हैं।
अनंत चतुर्दशी का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है। पंचांग के अनुसार वर्ष 2025 में चतुर्दशी तिथि का आरंभ 6 सितंबर की रात 03:12 बजे से होगा और समापन 7 सितंबर की रात 01:41 बजे पर होगा। उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी।
वहीं, जो लोग गणेश उत्सव मनाते हैं, वे इस दिन गणेश जी की विधि-विधान से पूजा करके विसर्जन करें। विसर्जन से पहले, भगवान गणेश की आरती करें और उनसे अगले साल जल्दी आने की प्रार्थना करें।
1. शांताकारम भुजङ्गशयनम पद्मनाभं सुरेशम।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम।
2. दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।
धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
3.ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
4.ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धनं देही चिन्तां दूरं करोति स्वाहा ॥
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। नईदुनिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।