
धर्म डेस्क: वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर देवउठनी एकादशी 2025 का व्रत (Dev Uthani Ekadashi 2025 Date) रखा जाएगा। इस वर्ष यह व्रत 01 नवंबर को प्रारंभ होगा और 02 नवंबर को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागते हैं और चातुर्मास का समापन होता है।

देवउठनी एकादशी व्रत का पारण समय अगले दिन 02 नवंबर को सुबह 01:11 बजे से शाम 03:23 बजे तक रहेगा।
इस दिन स्नान के बाद लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करें और भगवान विष्णु का कच्चे दूध से अभिषेक करें। ऐसा सच्चे मन से करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और श्रीहरि की कृपा प्राप्त होती है।
ज्योतिषियों के अनुसार, देवउठनी एकादशी व्रत करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। साथ ही साधक के सभी पाप नष्ट होते हैं और मांगलिक कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। यह दिन विशेष रूप से धन, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक लाभ के लिए उत्तम माना जाता है।
1. शान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्
विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्
वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥
2. ॐ नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये:
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नमः॥
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इस प्रकार, देवउठनी एकादशी 2025 व्रत न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि आर्थिक और आध्यात्मिक लाभ भी प्रदान करता है। इस दिन भगवान विष्णु की उपासना से जीवन में समृद्धि, शांति और सफलता आती है। भक्त इस दिन उपवास रखकर और मंत्रों का जप करके अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं।
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