June 2025 Vivah Muhurat: जून में शादी के केवल 5 मुहूर्त… इसके बाद करना होगा 4 माह 22 दिन इंतजार
June 2025 Vivah Muhurat: सनातन धर्म में कोई भी मांगलिक कार्य करने से पहले ग्रहों की स्थिति देखी जाती है। दो दिन बाद जून माह शुरू होने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि 8 जून के बाद शादी के मुहूर्त के लिए लंबा इंतजार करना होगा।
Publish Date: Fri, 30 May 2025 10:50:38 AM (IST)
Updated Date: Fri, 30 May 2025 10:50:38 AM (IST)
जून माह में शादी के शुभ मुहूर्त (फाइल फोटो)HighLights
- 9 जून को एक माह के लिए गुरु अस्त होंगे
- इसके बाद नहीं होंगे मांगलिक कार्य
- 6 जुलाई 2025 को है देवशयनी एकादशी
धर्म डेस्क, इंदौर (June 2024 Vivah Muhurat)। 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन सृष्टि के संचालन कर्ता विष्णु संचालन का दायित्व देवाधिदेव महादेव को सौंपकर योग निद्रा में चले जाएंगे। इसके साथ ही मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
देवउठनी एकादशी से फिर से विवाह के शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। जून माह में सबसे कम विवाह मुहूर्त हैं। इसके बाद पांच माह विवाह नहीं होंगे।
गुरु के अस्त होने से नहीं होंगे विवाह
ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि 9 जून को एक माह के लिए गुरु अस्त हो जाएंगे। इसके बाद मांगलिक कार्य के लिए 4 माह 22 दिन इंतजार करना होगा।
जून गर्मी की तपिश और लंबे दिनों वाला महीना होता है, जो खुशी और विकास के मौसम की शुरुआत करता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, जून में विवाह समारोहों के लिए सबसे कम तिथियां उपलब्ध हैं। 2, 4, 5, 7 और 8 जून शादी करने के लिए अनुकूल हैं।
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जून 2025: जानिए शुभ विवाह मुहूर्त
- 2 जून, सोमवार: सुबह 8 बजकर 21 मिनट से रात 8 बजकर 34 मिनट तक, नक्षत्र मघा।
- 4 जून , बुधवार: सुबह 8 बजकर 29 मिनट से 5 जून सुबह 5 बजकर 32 मिनट तक, नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी, हस्त।
- 5 जून, बृहस्पतिवार: सुबह 5 बजकर 23 मिनट बजे से सुबह 9 बजकर 14 मिनट तक, नक्षत्र हस्त।
- 7 जून , शनिवार: सुबह 9 बजकर 40 मिनट से सुबह 11 बजकर 18 मिनट तक, नक्षत्र स्वाती।
- 8 जून , रविवार: दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक, नक्षत्र विशाखा, स्वाती।
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6 जुलाई को देवशयनी एकादशी
भगवान विष्णु 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी के दिन योग निद्रा में चले जाएंगे और एक नवंबर को देवउठनी एकादशी के दिन जागेंगे।
गुरु ग्रह, जिसे बृहस्पति भी कहा जाता है, नौ जून को अस्त हो जाएंगे और नौ जुलाई को उदय होंगे। गुरु अस्त होने के बाद कोई मांगलिक रार्य नहीं होते हैं।