Jaydev Unadkat Exclusive: 12 साल बाद जयदेव उनादकट की टीम इंडिया में एंट्री, पढ़िए परिवार का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू
Jaydev Unadkat Exclusive: जयदेव को बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मोहम्मद शमी की जगह शामिल किया गया है। जैसे ही खबर आई कि जयदेव का टीम इंडिया में सिलेक्शन हो गया, सब खुशी के मारे झूम उठे।
By Arvind Dubey
Edited By: Arvind Dubey
Publish Date: Mon, 12 Dec 2022 09:59:50 AM (IST)
Updated Date: Mon, 12 Dec 2022 05:01:19 PM (IST)
Jaydev Unadkat ExclusiveJaydev Unadkat Exclusive: बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में टीम इंडिया में कुछ बदलाव किए गए और जिन नए खिलाड़ियों को मौका दिया गया, उनमें गुजरात के जयदेव उनादकट भी शामिल हैं। जयदेव और उनका परिवार 12 साल से इस पल का इंतजार कर रहे थे। जयदेव को बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मोहम्मद शमी की जगह शामिल किया गया है। जैसे ही खबर आई कि जयदेव का टीम इंडिया में सिलेक्शन हो गया, सब खुशी के मारे झूम उठे। इस मौके पर जयदेव के परिवार से बात की गुजराती जागरण के मनन वाया ने। पढ़िए पूरा इंटरव्यू
Jaydev Unadkat: 2010 में खेला था आखिरी टेस्ट
19 साल के जयदेव ने आखिरी बार 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट मैच खेला था। तब सेंचुरियन टेस्ट का हिस्सा रहे जयदेव को अब तक दोबारा मौका नहीं मिला था। हालांकि उन्होंने मेहनत जारी रखी। घरेलू स्तर पर साल दर साल अच्छा प्रदर्शन करते रहे। तीन बैक-टू-बैक रणजी सीजन में जयदेव का प्रदर्शन ऐसा था कि वह भारतीय टीम का दरवाजा खटखटाते रहे लेकिन चयन नहीं हुआ। एक सीजन में रिकॉर्ड 67 विकेट भी लिए। सौराष्ट्र के इस सीजन में रणजी जीतने के बाद उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में सर्वाधिक 19 विकेट लेकर टीम को चैंपियन भी बनाया। आखिरकार अब मेहनत रंग लाई।
जानिए जयदेव के परिवार के बारे में
जयदेव के माता-पिता ने पोरबंदर से, जबकि उनकी पत्नी रिन्नी, बहन धीरा और बहनोई पार्थ ठाकर ने राजकोट से गुजराती जागरण से बात की। पिता दीपक भाई उनादकट ने कहा, हम बहुत खुश हैं। ईश्वर की कृपा और बड़ों के आशीर्वाद से अरसे बाद यह खबर आई। जयदेव इतने सालों से खेल रहे हैं, उनका प्रदर्शन खुद बोलता है। जयदेव की मां की प्रतिक्रिया के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह भी बहुत खुश थीं। समाचार पाकर हमने श्रीनाथजी के दर्शन किये और आस-पास के लोगों का मुंह मीठा करवाया।
फीलिंग को शब्दों में बयां नहीं कर सकती: रिन्नी
जयदेव की पत्नी ने कहा, मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती। मैं 2 साल से इंतजार कर रही थी, लेकिन परिवार में बाकी सब 12 साल से इंतजार कर रहे थे। हम आभारी हैं कि जयदेव को यह अवसर मिला। रिन्नी ने आगे कहा, हम सुबह ही वीरपुर गए थे। विजय हजारे ट्रॉफी जीतने के बाद हमने कहा था कि जलाराम बापा के दर्शन के लिए जाएंगे। जब हम दर्शन से लौट रहे थे, जयदेव का फोन आया और यह खबर दी। हम कार में खुशी के मारे चिल्लाने लगे। फिर हमने बहुत ही पारंपरिक सौराष्ट्र स्टाइल में जलेबी-गाठिया खाई।
बहन धीरा और बहनोई पार्थ ठाकर ने कहा कि अगले सीजन का पहला रणजी मैच उनका 100वां प्रथम श्रेणी मैच है। हम इसे मनाने की योजना बना रहे थे। अब इस तरह जश्न मनाना सोने पर सुहागा जैसा है। जयदेव, जिस तरह से आप खेलने आए थे, वैसे ही खेलते रहें और हमें गर्व महसूस कराते रहें। हमें उम्मीद हैं कि उन्होंने जो मेहनत की है, वह अगले स्तर पर भी रंग लाएगी।