एजेंसी, कानपुर। चकेरी रामपुरम फेज वन में कुत्तों के हमले का दर्द झेल चुकी पीड़िता के घर शनिवार देर शाम अचानक एक एनजीओ से जुड़े करीब आधा दर्जन लोग पहुंचे। इनमें दो महिलाएं भी थीं। खुद को डॉग लवर्स बताते हुए उन्होंने परिवार को धमकी भरे लहजे में चेतावनी दी कि उनकी संस्था दिल्ली में है और आवारा कुत्तों के संरक्षण के लिए काम करती है।
परिजनों पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि छात्रा के चाचा ने मीडिया में कुत्तों को मारने की बात कही है, जो गलत है। उनका तर्क था कि इलाके में बंदरों का आतंक कुत्तों की वजह से ही कम है। इसपर छात्रा के चाचा ने उन्हें घर से बाहर जाने के लिए कहा, जिसके बाद वे लोग लौट गए।
गौरतलब है कि 20 अगस्त को एलन हाउस की बीबीए फाइनल ईयर की छात्रा वैष्णवी साहू पर घर लौटते समय आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया था। कुत्तों ने उन्हें गिराकर चेहरे, गाल, नाक, कान और शरीर के अन्य हिस्सों को बुरी तरह काट डाला। फिलहाल वैष्णवी का इलाज घर पर चल रहा है।
पीड़िता के चाचा आशुतोष ने बताया कि कालेज प्रबंधन, स्टाफ और सहपाठी लगातार उनका हालचाल लेने आ रहे हैं। इसी दौरान चार पुरुष और दो महिलाएं भी पहुंचे। उन्होंने खुद को दिल्ली स्थित एक एनजीओ का सदस्य बताया और कहा कि वैष्णवी को देखना चाहते हैं। देखने के बाद उन्होंने धमकी भरे अंदाज में कहा कि मीडिया में दिए बयान गलत हैं और कुत्तों को हटाने पर बंदरों का खतरा और बढ़ जाएगा।
आशुतोष ने कहा कि वह पहले से ही घटना से बेहद परेशान हैं। उन्होंने मीडिया में कोई ऐसा बयान नहीं दिया और उनके घर पर खुद भी एक कुत्ता पाला हुआ है। इसके बाद सभी लोग बिना नाम और पहचान बताए चले गए।
डीएम ऑफिस से मिला मदद का भरोसा
आशुतोष ने बताया कि रविवार को जिलाधिकारी कार्यालय से उनके पास फोन आया। खुद को डीएम का पीआरओ बताकर उन्होंने वैष्णवी की स्थिति और इलाज के बारे में जानकारी ली। कहा गया कि प्रशासन हरसंभव मदद करेगा और किसी भी समस्या में तुरंत संपर्क किया जाए। इसके बाद दोबारा फोन कर हालचाल भी लिया गया और आर्थिक सहायता की पेशकश की गई। आशुतोष ने सिर्फ उपचार कराने की बात कही। सोमवार को वह भतीजी को लेकर एलएलआर पीजीआई जाएंगे, जहां आगे का इलाज होगा।