
डिजिटल डेस्क। उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने और किसानों को इसके उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में पशुपालन विभाग ने एक नई पहल शुरू की है। अब विभाग गोबर की खाद के बदले किसानों से पराली लेने का अभियान चलाएगा। इसके तहत गो आश्रय स्थलों से किसानों को गोबर की खाद उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे खेतों की उर्वरता भी बढ़ेगी और पर्यावरण प्रदूषण में कमी आएगी।
पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को विधान भवन स्थित अपने कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में इस योजना के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से जहां पर्यावरण को नुकसान होता है, वहीं किसानों पर जुर्माने की कार्रवाई भी करनी पड़ती है। ऐसे में “पराली के बदले खाद” जैसी पहल किसानों के लिए एक बेहतर और लाभकारी विकल्प साबित होगी।
मंत्री ने कहा कि किसानों के खेतों से पराली एकत्र कर उसे गो आश्रय स्थलों में बिछावन और पशु आहार के रूप में इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने भूसा टेंडर प्रक्रिया में देरी करने वाले अमरोहा, बागपत, इटावा, शामली और मेरठ के मुख्य पशुचिकित्साधिकारियों (CVOs) को लापरवाही पर चेतावनी भी दी।
धर्मपाल सिंह ने कहा कि गो आश्रय स्थलों में पराग पशु आहार की आपूर्ति स्थानीय दुग्ध समितियों के माध्यम से की जाएगी। इसके अलावा, गोशालाओं में गो काष्ठ-मोक्ष दंडिका (गोबर से बनी लकड़ी) के उत्पादन के लिए सीएसआर फंड से मशीनें लगाई जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिलों में अच्छी प्रदर्शन करने वाली गोशालाओं को पुरस्कृत कर प्रोत्साहित किया जाए।
बैठक में मंत्री ने कहा कि बंद पड़ी दुग्ध समितियों को फिर से सक्रिय किया जाए। साथ ही, सभी डीपीएमसीयू के फोटोग्राफ और प्रमाणपत्र मंगाकर वास्तविक स्थिति की जानकारी ली जाए। किसानों को उनके दूध के मूल्य का भुगतान एक सप्ताह के भीतर सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
पशुपालन मंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को दुग्ध उत्पादन की नवीन तकनीकों और गतिविधियों की जानकारी के लिए अन्य राज्यों में भ्रमण कराया जाएगा। साथ ही, उन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से आधुनिक पशुपालन विधियों की जानकारी दी जाएगी।
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समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव देवेंद्र पांडेय, राम सहाय यादव, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र, निदेशक प्रशासन एवं विकास डॉ. योगेंद्र पवार, और मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।