डिजिटल डेस्क, आगरा: उत्तर-प्रदेश के आगरा के उटंगन नदी में मूर्ति विसर्जन के दौरान हुआ हादसा अब एक दिल दहला देने वाली त्रासदी बन चुका है। इस हादसे ने कई परिवारों की खुशियां छीन लीं। शुक्रवार तक पांच शव बरामद हो चुके हैं, जबकि सात लोग अब भी लापता हैं। जिन घरों में कुछ दिन पहले तक त्यौहार की तैयारी थी, वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है।
कुशियापुर निवासी भगवती की नदी में डूबने से मृत्यु हो गई। शुक्रवार दोपहर उसका शव बरामद हुआ। भगवती की पत्नी चंचल, जो मथुरा की रहने वाली हैं, शादी के बाद पहली बार करवाचौथ मनाने की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने सजने-सँवरने और पूजा की सारी तैयारियां पूरी कर ली थीं, परंतु गुरुवार को हुए हादसे ने सब कुछ बदल दिया। पति की मृत्यु की खबर मिलते ही चंचल का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है। उनके घर में मातम पसरा है, और पड़ोसी उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं।
हादसे के बाद से मृतकों और लापता लोगों के घरों में तीन दिन से चूल्हे नहीं जले हैं। पड़ोसी और रिश्तेदार ही उन्हें खाना पहुंचा रहे हैं। परिवार के सदस्य इतने सदमे में हैं कि किसी को भोजन करने की इच्छा नहीं है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर चेहरा ग़म से भरा हुआ है।
तीसरे दिन तक भी सात लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है। इनमें करन, सचिन, दीपक, गजेंद्र, हरेस, ओके और विनेश शामिल हैं। उनके स्वजन नदी किनारे बैठकर अपनों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। गजेंद्र के पिता रेवती की आंखों से आँसू रुकने का नाम नहीं ले रहे। उन्होंने कहा — “अब तो उम्मीद नहीं बची, बस पार्थिव देह मिल जाए ताकि अंतिम संस्कार कर सकें।”
यह हादसा उस समय हुआ जब गांव के लोग मूर्ति विसर्जन के लिए नदी पर पहुंचे थे। त्योहार की खुशियों के बीच अचानक आई यह त्रासदी किसी को समझ नहीं आई। देखते ही देखते नदी ने कई लोगों को अपनी लहरों में समा लिया। बचाव कार्य में पुलिस और गोताखोर लगातार जुटे हुए हैं, लेकिन तेज धार और गहराई के कारण कठिनाइयाँ बनी हुई हैं।
उटंगन नदी का यह हादसा पूरे आगरा क्षेत्र के लिए गहरा आघात बन गया है। हर गली-मोहल्ले में सिर्फ रोने की आवाजें हैं। जिन घरों में करवाचौथ और दशहरे की तैयारी चल रही थी, वहां अब शोकसभा हो रही है। लोगों की जुबान पर बस एक ही सवाल है “क्यों हुई इतनी बड़ी लापरवाही?” प्रशासन ने राहत कार्य तेज़ करने के आदेश दिए हैं और पुलिस ने लोगों से अपील की है कि नदी किनारे भीड़ न लगाएं। उधर, मृतकों के परिजनों को प्रशासनिक सहायता देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
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