
डिजिटल डेस्क: दिल्ली बम धमाके की जांच में दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बुधवार देर रात हापुड़ जिले के पिलखुवा स्थित जीएस मेडिकल कॉलेज में छापेमारी कर पुलिस ने प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. फारूख को गिरफ्तार किया। उन पर संदेह है कि उन्होंने दिल्ली में हुए विस्फोट में अहम भूमिका निभाई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ में कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं, जिससे मामले की दिशा और स्पष्ट हो रही है।
डॉ. फारूख जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी हैं और लगभग एक वर्ष से जीएस मेडिकल कॉलेज, पिलखुवा में कार्यरत थे। बताया गया कि वह कॉलेज परिसर में ही रहते थे और अपने विभागीय कार्यों में सक्रिय रहते थे। हालांकि, उनकी निजी जिंदगी के बारे में सहकर्मियों को बहुत कम जानकारी थी। पुलिस को संदेह है कि वे किसी आतंकी संगठन से जुड़े हो सकते हैं, जो मेडिकल प्रोफेशन को कवर के रूप में इस्तेमाल करता है।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को यह जानकारी गिरफ्तार आतंकी मुजम्मिल से पूछताछ के दौरान मिली। मुजम्मिल ने पूछताछ में डॉ. फारूख का नाम लिया, जिसके बाद इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर बुधवार देर रात टीम ने हापुड़ पहुंचकर कार्रवाई की। पुलिस ने कॉलेज परिसर में तलाशी अभियान चलाया, हालांकि अभी तक कोई आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं हुई है।
जांच एजेंसियों का कहना है कि प्रारंभिक जांच में डॉ. फारूख का नाम विस्फोटकों की आपूर्ति और नेटवर्किंग से जुड़ा सामने आया है। यह आशंका जताई जा रही है कि उन्होंने न केवल विस्फोट की साजिश में सहायता की, बल्कि लॉजिस्टिक सपोर्ट भी मुहैया कराया। दिल्ली पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर दिल्ली ले गई है, जहां उनसे लगातार पूछताछ की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. फारूख ने अपनी एमबीबीएस और एमडी की डिग्री फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी से प्राप्त की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कई मेडिकल संस्थानों में कार्य किया और पिछले वर्ष जीएस मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात हुए। कॉलेज के स्टाफ के अनुसार, वह अपने काम में गंभीर थे, परंतु निजी रूप से बहुत शांत और अलग-थलग रहते थे।
सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि डॉ. फारूख किसी बड़े आतंकी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं, जो देश के भीतर मेडिकल क्षेत्र से जुड़े व्यक्तियों का इस्तेमाल कर रहा है। उनकी गिरफ्तारी के बाद जांच एजेंसियां इस नेटवर्क को समझने का प्रयास कर रही हैं। माना जा रहा है कि पूछताछ के दौरान कई बड़े नाम और लिंक उजागर हो सकते हैं।
जीएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है और कहा है कि पुलिस जांच में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। कॉलेज परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं, हापुड़ जिला प्रशासन ने भी संवेदनशीलता को देखते हुए कॉलेज के आसपास गश्त और निगरानी बढ़ा दी है।
स्थानीय लोगों और छात्रों में इस घटना के बाद दहशत का माहौल है। कई छात्रों ने बताया कि डॉ. फारूख अपने विषय में निपुण थे, लेकिन वे निजी बातचीत से हमेशा बचते थे। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में फिलहाल कोई अतिरिक्त जानकारी साझा नहीं की है ताकि जांच प्रभावित न हो।
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यह गिरफ्तारी दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में हाल के आतंकी मामलों से जुड़ी जांच को एक नया आयाम दे सकती है। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि डॉ. फारूख की भूमिका विस्फोट तक सीमित थी या किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा थी।