डिजिटल डेस्क: मैनपुरी के झलकारी नगर में शुक्रवार सुबह 75 वर्षीय रामलड़ैते ने घिरोर पुल से नहर में छलांग लगाकर जान देने की कोशिश की। उनकी पत्नी, 72 वर्षीय श्रीदेवी, उन्हें बचाने के लिए तुरंत पीछे कूद गईं, जबकि उन्हें तैरना नहीं आता था। श्रीदेवी ने पूरे आठ किलोमीटर तक बहते हुए भी पति का हाथ नहीं छोड़ा।
ग्रामीणों के अनुसार, जवापुर पुल के पास बहते हुए जब वे दिखीं तो श्रीदेवी ने जोर-जोर से मदद के लिए पुकारा। वहां मौजूद लोगों ने हिम्मत दिखाते हुए दोनों को बाहर निकाला, लेकिन तब तक रामलड़ैते की मृत्यु हो चुकी थी। वहीं, श्रीदेवी सुरक्षित बच गईं। ग्रामीण इस घटना को किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे।
मिली जानकारी के अनुसार, दंपति बेटों और बहू से कहासुनी के बाद घर से निकले थे। पहले रेलवे स्टेशन पहुंचे, लेकिन ट्रेन छूटने पर ऑटो से छिबरामई कन्नौज की ओर निकल पड़े। घिरोर पुल के पास रामलड़ैते शौच का बहाना बनाकर उतरे और नहर में कूद गए। उन्हें रोकने के प्रयास में श्रीदेवी भी उनके साथ बह गईं।
परिजनों का कहना है कि रामलड़ैते की तबीयत खराब रहती थी और वह बैशाखी के सहारे चलते थे। श्रीदेवी भी लाठी का सहारा लेती थीं। बुजुर्ग होने के बावजूद पत्नी ने पति का साथ निभाने में अपनी जान की परवाह नहीं की।
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शनिवार को रामलड़ैते का अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस घटना ने पूरे इलाके में श्रीदेवी के साहस और पति के प्रति उनके समर्पण की मिसाल कायम कर दी है।
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