
डिजिटल डेस्क। उत्तर प्रदेश में शैक्षणिक सत्र 2025-26 से मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा विस्तार हुआ है। इस सत्र में कुल 950 नई एमबीबीएस सीटें जोड़ी गई हैं। इनमें 200 सीटें राजकीय मेडिकल कॉलेजों में और 750 सीटें निजी मेडिकल कॉलेजों में बढ़ाई गई हैं। अब राज्य में राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की कुल सीटें 5,450 और निजी कॉलेजों में 7,350 हो गई हैं। इससे पहले क्रमशः 5,250 और 6,600 सीटें थीं।
महानिदेशक, चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण के अनुसार, सरकारी क्षेत्र में तीन नए कॉलेजों की सीटें जोड़ी गई हैं:
स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय, अमेठी – 100 सीटें
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, नोएडा – 50 सीटें
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज, वाराणसी – 50 सीटें
निजी क्षेत्र में 12 मेडिकल कॉलेजों में कुल 750 सीटें बढ़ाई गई हैं। प्रमुख कॉलेज और उनकी बढ़ी सीटें इस प्रकार हैं:
एराज मेडिकल कॉलेज, लखनऊ – 50
नेशनल कैपिटल रीजन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मेरठ – 50
इंटीग्रल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ – 50
श्री सिद्धि विनायक मेडिकल कॉलेज, संभल – 100
नारायणा मेडिकल कॉलेज, कानपुर – 100
केएमसी मेडिकल कॉलेज, महाराजगंज – 50
राममूर्ति स्मारक इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, बरेली – 50
कृष्ण मोहन मेडिकल कॉलेज, मथुरा – 50
अजय सांगल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, शामली – 50
गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर – 50
एचएफ मेडिकल कॉलेज, आगरा – 100
एसकेएस मेडिकल कॉलेज, मथुरा – 50
यह भी पढ़ें- गुरुकुल में तीन आवारा कुत्तों की फांसी लगाकर हत्या, गोरक्षकों ने चौथे की बचाई जान; राजपुर की घटना
एमबीबीएस सीटों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में पीजी पाठ्यक्रम (एमडी, एमएस) में भी इस सत्र में 271 नई सीटें जोड़ी गई हैं।
अब राजकीय कॉलेजों में 2,137 और निजी कॉलेजों में 2,160 पीजी सीटें हो गई हैं।
सरकारी कॉलेजों में 233 सीटें और नारायणा मेडिकल कॉलेज, कानपुर में 38 नई पीजी सीटें जोड़ी गई हैं।
एमबीबीएस और पीजी सीटों की इस बढ़ोतरी से उत्तर प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत आधार मिलेगा। इससे न केवल छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे, बल्कि राज्य में डॉक्टरों की संख्या भी बढ़ेगी, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद है।