डिजिटल डेस्क। यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान और गणित विषय के 29,334 पदों की भर्ती (UP Shikshak Bharti) फिर से अटक गई है। अभ्यर्थी लंबे समय से काउंसलिंग कराकर नियुक्ति की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट तक चली इस कानूनी जंग में फैसला अभ्यर्थियों के पक्ष में आया, लेकिन विभागीय सुस्ती के चलते प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है।
परिषद सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) से रिक्त पदों का आरक्षणवार ब्यौरा मांगा था। अधिकांश जिलों से विवरण प्राप्त हो चुका है, लेकिन गाजियाबाद, आगरा, मथुरा, जौनपुर, झांसी, ललितपुर और बलिया से रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। इसी वजह से विज्ञापन जारी करने की कार्यवाही रुकी हुई है।
गौरतलब है कि यह भर्ती वर्ष 2013 में शुरू हुई थी। सात चरणों में काउंसलिंग कर नियुक्तियां दी गईं और आठवें राउंड में जनवरी–फरवरी 2016 में अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। इसके बाद भी कई चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति से वंचित रह गए, जिन्हें नवंबर 2016 में अवसर मिला। लेकिन सरकार बदलने के बाद भर्ती पर रोक लगा दी गई। मामला हाई कोर्ट से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा।
सुप्रीम कोर्ट ने 29 जनवरी को आदेश दिया कि न्यूनतम कटऑफ से अधिक अंक पाने वाले वे सभी अभ्यर्थी, जिन्होंने 31 दिसंबर 2019 से पहले याचिका दायर की थी, उन्हें नियुक्ति दी जाए। इसके अनुपालन में 19 जुलाई को शासन ने आदेश जारी किया और परिषद से रिक्त पदों का ब्यौरा जुटाने को कहा।
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14 सितंबर से लगातार फोन और व्हाट्सऐप संदेश भेजकर बीएसए से रिपोर्ट मांगी जा रही है, लेकिन सात जिलों की चुप्पी से प्रक्रिया अटकी हुई है। परिषद सचिव ने अब निर्देश दिया है कि संबंधित जिले तत्काल विवरण भेजें, ताकि याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों की काउंसलिंग जल्द कराई जा सके।