
डिजिटल डेस्क: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की विधानसभा में मंगलवार को एक अहम प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी को प्रतिबंधित करने की मांग रखी गई। इमरान खान और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को 'दुश्मन देश का हथियार' बताया गया और उन्हें राजनीति से पूरी तरह प्रतिबंधित करने की मांग की गई है।
यह प्रस्ताव सत्ताधारी पीएमएल-एन के विधायक ताहिर परवेज ने पेश किया, जिसे पीटीआई विधायकों के विरोध और वॉकआउट के बीच मंजूर कर लिया गया। प्रस्ताव के दौरान विधानसभा में तीखी बहस देखने को मिली, लेकिन संख्या बल के कारण प्रस्ताव आसानी से पारित हो गया।
यह घटनाक्रम ऐसे समय सामने आया है जब हाल ही में पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा-इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इमरान खान पर सेना विरोधी प्रचार और बयानबाजी फैलाने का गंभीर आरोप लगाया था। सेना और सरकार, दोनों ही लगातार इमरान खान को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते आए हैं।
तनाव उस समय और बढ़ गया जब रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद इमरान खान को उनकी बहनों-नोरीन खान, अलीमा खान और उजमा खान से मुलाकात की अनुमति नहीं दी गई। इसके विरोध में तीनों बहनों ने जेल के बाहर धरना दिया और प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया। उनका कहना है कि उन्हें बिना किसी कारण बताए मुलाकात से रोका जा रहा है।
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गौरतलब है कि हाल ही में इमरान खान की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी मौत की अफवाह तेजी से फैली थी। सरकार और जेल प्रशासन ने इसे तुरंत खारिज करते हुए कहा कि इमरान खान पूरी तरह सुरक्षित हैं और ऐसी अफवाहें गलत व भ्रामक हैं। इस अफवाह के बाद देशभर में पीटीआई समर्थकों में असमंजस और नाराजगी बढ़ गई थी।