नेशनल डेस्क, नई दिल्ली। Operation Sindoor में भारत से हर मोर्चे पर हार झेलने के बाद पाकिस्तान अब अपनी सामरिक क्षमताओं को भारत के स्तर पर लाने की कोशिश में है। इसी रणनीति के तहत पाकिस्तान ने चीन की तर्ज पर नई आर्मी रॉकेट फोर्स कमान बनाने का ऐलान किया है।
79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इस फोर्स के गठन की घोषणा करते हुए कहा कि यह कमान आधुनिक तकनीक से लैस होगी और हर दिशा से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम होगी। उन्होंने इसे देश की सैन्य प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।
हालांकि, शरीफ ने इस नई फोर्स की सटीक जिम्मेदारियों या क्षमताओं के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी। एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक, यह कदम सीधे भारत को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
नई कमान का ढांचा चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी रॉकेट फोर्स की तर्ज पर होगा, जो परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों, जमीन आधारित बैलिस्टिक, हाइपरसोनिक और क्रूज मिसाइल का नियंत्रण रखती है। हालांकि, पाकिस्तान की नई फोर्स में केवल पारंपरिक मिसाइल और रॉकेट शामिल होंगे, परमाणु हथियार नहीं।
यह फोर्स पाकिस्तान की मौजूदा आर्मी स्ट्रैटेजिक फोर्स कमांड (ASFC) के समानांतर काम करेगी। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर में मिली हार और भारत की ब्रह्मोस, पृथ्वी और अग्नि श्रृंखला जैसी लंबी दूरी की मिसाइल क्षमताओं ने पाकिस्तान को यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम पाकिस्तान की सैन्य रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत है और आने वाले समय में दक्षिण एशिया में हथियारों की होड़ को और तेज कर सकता है।
इसे भी पढ़ें... EPF Withdrawal Rules: नौकरी के दौरान कितनी बार निकाल सकते हैं पीएफ का पैसा? जानें ईपीएफओ के नियम