एजेंसी, नई दिल्ली। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर सेकेंडरी टैरिफ लगाने का मकसद रूस को मजबूर करना है कि वह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध बंद करे। वेंस का कहना है कि अगर रूस अपने तेल से कमाई नहीं कर पाएगा तो उसे युद्ध रोकने के लिए दबाव झेलना पड़ेगा।
ट्रंप प्रशासन ने भारत की आलोचना करते हुए कहा कि वह रूस से रियायती दरों पर कच्चा तेल खरीद रहा है। दिलचस्प यह है कि अमेरिका रूस के सबसे बड़े तेल आयातक चीन के खिलाफ इस तरह का कदम नहीं उठा रहा। वहीं भारत ने लगातार यह साफ किया है कि रूस से तेल खरीदना उसके राष्ट्रीय हित और ऊर्जा बाजार की जरूरतों के हिसाब से है।
जेडी वेंस ने ट्रंप के कदम का समर्थन करते हुए कहा कि ट्रंप को भरोसा है कि अमेरिका रूस और यूक्रेन के बीच शांति बहाल करने में मध्यस्थता कर सकता है। हालांकि, इस महीने ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात के बाद कुछ नई अड़चनें जरूर सामने आई हैं।
उधर रिपब्लिकन नेता निक्की हेली ने कहा कि भारत को रूसी तेल खरीद को लेकर ट्रंप की बात को गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि नई दिल्ली को व्हाइट हाउस के साथ मिलकर जल्द समाधान निकालना चाहिए।
हेली का विरोध
हेली ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि व्यापारिक मतभेदों और रूसी तेल आयात जैसे मुद्दों से निपटने के लिए गहन बातचीत जरूरी है। हालांकि, भारत का पक्ष रखने के चलते हेली को अपनी ही पार्टी के भीतर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।