
डिजिटल डेस्क। केंद्र कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच 8वें वेतन आयोग को लेकर चल रही तमाम अटकलों पर आखिरकार सरकार ने स्पष्टता दे दी है। नवंबर में गठित 8th Pay Commission को TOR (Terms of Reference) की मंजूरी मिल चुकी है और अब इसकी रिपोर्ट का इंतजार है। इसी बीच DA-DR मर्जर और पेंशन रिवीजन को लेकर उठ रहे सवालों पर सरकार ने संसद में आधिकारिक जवाब देकर स्थिति साफ कर दी है।
DA-DR बेसिक पे में नहीं जोड़ा जाएगा
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) को बेसिक पे के साथ मर्ज करने का फिलहाल कोई प्लान नहीं है। लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि DA/DR का मर्जर प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है और महंगाई को नियंत्रित करने के लिए इन्हें हर छह महीने में रिवाइज किया जाता है।
पेंशनर्स की बड़ी चिंता दूर
ToR में पेंशन रिवीजन का जिक्र न होने से जो भ्रम पैदा हुआ था, उसे भी सरकार ने खत्म कर दिया है। राज्यसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में मंत्री पंकज चौधरी ने पुष्टि की कि 8th Pay Commission अपने मैंडेट में वेतन, भत्तों के साथ-साथ पेंशन पर भी सिफारिशें देगा। इससे लगभग 70 लाख पेंशनर्स को राहत मिली है।
8th Pay Commission कब लागू हो सकता है?
मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि पे कमीशन बनने के बाद इन्हें लागू होने में आमतौर पर 1–2 साल लगते हैं। वीएसआरके कैपिटल के डायरेक्टर स्वप्निल अग्रवाल के अनुसार, सरकार द्वारा डेटा कलेक्शन और शुरुआती प्रक्रियाओं को देखते हुए उम्मीद है कि 8th Pay Commission की सिफारिशें 2027 से पहले लागू हो सकती हैं।
भारत में पे कमीशन हर दशक में बनते हैं और इन्हें लागू करने में 2–3 साल का समय लगता है। उदाहरण के तौर पर, 7th CPC को 2014 में गठित किया गया और 29 महीनों में 2016 में लागू किया गया। वहीं 6th CPC को लागू होने में 22 महीने लगे थे।