
बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को आम लोगों को राहत देते हुए रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की घोषणा की है। एमपीसी की बैठक बुधवार से शुरू हुई थी, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया।
इस कटौती से आम लोगों को सीधी राहत मिलने की उम्मीद है। होम लोन सहित विभिन्न प्रकार के लोन की EMI घट सकती है, जिससे उपभोक्ताओं पर वित्तीय दबाव कम होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि रेपो रेट में कमी से आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी, क्योंकि सस्ते लोन से बाजार में मांग बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
लगातार सुधार जारी
नीतिगत रुख 'तटस्थ' पर बरकरार रखा है। ग्रामीण मांग में लगातार सुधार जारी है। शहरी मांग में लगातार सुधार हो रहा है। RBI गवर्नर ने कहा कि गैर-खाद्य, बैंक लो और उच्च क्षमता उपयोग में वृद्धि के कारण निजी निवेश में तेजी के साथ निवेश गतिविधि स्वस्थ बनी हुई है।
‘रेपो रेट में 25बीपीएस की कटौती का आरबीआई का फैसला विकास को बढ़ावा देने का संकेत है, यह होम लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए सकारात्मक कदम है। फ्लोटिंग रेट वाले ज़्यादातर होम लोन रेपो रेट से जुड़े होते हैं, ऐसे में ग्राहकों को ईएमआई में राहत मिलेगी और लोन देने वाले बैंक भी इसका फायदा ग्राहकों को देंगे।
अतुल मोंगा, सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन के अनुसार इन्फ्लेशन आरबीआई की तय रेंज में बना हुआ है, ऐसे में यह नीतिगत बदलाव मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए अनुकूल है। जहां तक आने वाले समय में होम लोन लेने वाले ग्राहकों का सवाल है, लोन की सामर्थ्य बढ़ने से खरीद के फैसले पर प्रभाव पड़ेगा।
इसका फायदा खासतौर पर मध्यम-आय वर्ग को होगा। अतुल मोंगा, सीईओ एवं सह-संस्थापक, बेसिक होम लोन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इससे हाउसिंग की मांग में सुधार आएगा और ग्राहकों का भरोसा बढ़ेगा। जीडीपी ग्रोथ आउटलुक में सुधार से पूरे हाउसिंग सिस्टम में सकारात्मक माहौल बनेगा और घर खरीदने वालों के लिए अनुकूल माहौल बनेगा।
आने वाले समय में, अगर इन्फ्लेशन आरबीआई की तय रेंज में बना रहता है, ओर विश्वस्तरीय परिस्थितियां स्थिर रहती हैं, और केन्द्रीय बजट 2026 में हाउसिंग सेक्टर में सुधार की घोषणाएं की जाती हैं, तो रेट में और कटौती की जा सकती है।