अनिमेष पाल, नईदुनिया जगदलपुर: बस्तर में साल का सबसे कठिन समय शुरू होने जा रहा है। मानसून के अगले चार माह जंगल के भीतर की परिस्थतियां और भी कठिन हो जाएंगी। इस समय नदी-नालों के साथ पिछले डेढ़ वर्ष में माओवादियों के विरुद्ध मिली अभूतपूर्व सफलता से जवानों का उत्साह भी उफान पर होगा।
जवानों ने पिछले एक पखवाड़े में अबूझमाड़ के जंगलों में माओवादी प्रमुख बसव राजू और फिर इंद्रावती टाइगर रिजर्व (आइटीआर) क्षेत्र में क्रांतिकारी राजनीतिक स्कूल (रिपोस) के प्रभारी सुधाकर को मार गिराया है। साथ ही तेलंगाना स्टेट कमेटी सदस्य और मंचेरियल कोमाराम भीम (एमकेबी) सचिव भास्कर उर्फ माइलारापु अडेल्लु को मार गिराया है।
सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि अभी भी 8 शीर्ष माओवादी बस्तर के जंगल में छिपे हुए हैं, अब मानसून काल (जून मध्य से अक्टूबर मध्य तक) में इन शीर्ष माओवादियों को निशाना बनाकर अभियान चलाने की तैयारी सुरक्षा बल कर रहे हैं। पिछले 16 माह में बस्तर क्षेत्र में 403 माओवादी कैडरों को ढेर कर चुके सुरक्षा बल ने मानसून काल के लिए आपरेशन मानसून का जो ब्लू प्रिंट तैयार किया है।
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इसे लेकर बस्तर आइजीपी सुंदरराज पी. का कहना है कि मानसून अब सुरक्षा बल की कमजोरी नहीं ताकत है। पिछले वर्ष इस अवधि में बड़़ी सफलता हमने अर्जित की है। यह तय है कि 30 मार्च 2026 तक माओवादियों के समूल सफाये के लक्ष्य को पूरा करने में यह मानसून महत्वपूर्ण होगा।
सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार बस्तर के जंगल में बसव राजू को मार गिराने के बाद नौ शीर्ष माओवादी छिपे थे, जिनमें से नरसिम्हा चालम उर्फ सुधाकर को गुरुवार को मार गिराया है। अब आठ माओवादियों के यहां छिपे होने की जानकारी है। इनमें बसव राजू के मारे जाने के बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) महासचिव बनने की दौड़ में शामिल भूपति व देवजी के साथ पूर्व माओवादी प्रमुख गणपति जैसे बड़े नाम भी है।
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सुरक्षा बलों की ओर से शीर्ष माओवादियों पर प्रहार करने 200 से अधिक अग्रिम परिचालन शिविर (एफओबी) से अभियान चलाए जाएंगे। इससे सुरक्षा बलों की पहुंच अब माओवादी ठिकानों तक हो पाई है। तेलंगाना-छत्तीसगढ़ सीमा पर कर्रेगुट्टा की पहाड़ी से लेकर अबूझमाड़ के अबूझ क्षेत्र तक सुरक्षा बल अब घुसकर माओवादी ठिकानों पर प्रहार कर रही है। पिछले वर्ष भी मानसून अवधि में सुरक्षा बलों ने अभियान को थमने नहीं दिया था। इस अवधि में हुए 28 मुठभेड़ में 73 नक्सली मारे थे, जिनमें 66 के शव मिले थे। 100 से अधिक हथियार भी बरामद किए थे।