नईदुनिया न्यूज, पत्थलगांव। विदेश में बेचकर करोड़ों रुपये कमाने का झांसा देकर शातिर ठगों ने प्रदेशभर में जादुई कलश के नाम पर करीब 1 करोड़ 90 लाख रुपये की ठगी की। जशपुर पुलिस ने इस मामले में चार आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि मुख्य मास्टरमाइंड अब भी फरार है।
शिकायत से खुला राज
एसएसपी शशि मोहन सिंह ने बताया कि मामला 7 सितंबर को तब सामने आया जब पत्थलगांव थाना क्षेत्र की प्रार्थिया अमृता बाई ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021 में आरोपित तुरेन्द्र कुमार उर्फ़ मनीष दिव्य, राजेंद्र दिव्य, प्रकाश धृतलहरे और उपेंद्र सारथी ने उन्हें बताया कि कोरबा जिले के मड़वारानी शक्तिपीठ में एक जादुई कलश मिला है जिसकी कीमत करोड़ों में है। इसे विदेश में बेचकर भारी रकम मिलेगी और कंपनी से जुड़े लोगों को 1 से 5 करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा।
कंपनी से जुड़ने के लिए शातिरों ने पंजीयन और KYC शुल्क के नाम पर पहले 2500 रुपये लिए और बाद में 25 से 70 हजार रुपये तक वसूले। वर्षों बीतने के बाद भी लाभ नहीं मिलने पर जब पीड़िता ने संपर्क किया तो आरोपी टालमटोल करने लगे।
SIT की कार्रवाई
शिकायत पर कांसाबेल पुलिस ने धारा 420, 34 के तहत मामला दर्ज किया। जांच में सामने आया कि जशपुर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में कुल 1.90 करोड़ रुपये की ठगी की गई है। गिरोह को पकड़ने के लिए टीआई विनीत पांडे की अगुवाई में एसआईटी गठित की गई।
गिरफ्तार आरोपितों में कोरबा के भदरापारा निवासी तुरेन्द्र उर्फ़ मनीष दिव्य (38), जशपुर के प्रकाशचंद्र धृतलहरे (40), रायपुर के राजेंद्र कुमार दिव्य (46) और सरगुजा जिले के उपेंद्र कुमार (56) शामिल हैं। सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।
मास्टरमाइंड अब भी फरार
पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि इस ठगी के पीछे मास्टरमाइंड महेंद्र बहादुर सिंह ठाकुर है, जिसने जादुई कलश का झांसा देकर फर्जी कंपनी बनाई। वह लोगों को विश्वास दिलाता था कि यह कलश चावल को अपनी ओर खींचता है और इसकी कीमत अरबों में है। एसएसपी शशि मोहन सिंह ने कहा कि जांच अभी जारी है और ठगी की रकम और अधिक बढ़ सकती है। मास्टरमाइंड की तलाश के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।