नईदुनिया प्रतिनिधि, बिलासपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने रेल नीर की शार्टेज को देखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए एक अहम निर्णय लिया है। इस निर्णय के तहत अब रेलवे स्टेशनों पर स्थित स्टॉल्स में किनले, अमरकंटक और शिवनाथ जैसे ब्रांड के पानी की बिक्री भी की जाएगी।
यह फैसला खासतौर पर गर्मी के सीजन में यात्रियों की बढ़ती प्यास और पानी की कमी को देखते हुए लिया गया है। अब तक रेलवे में केवल रेल नीर बेचने की ही बाध्यता थी। मगर, वर्तमान में इसकी सप्लाई को लेकर संकट है। इसकी वजह बिलासपुर के सिरगिट्टी स्थित रेल नीर प्लांट का बंद होना है।
प्लांट बंद होने के बाद आईआरसीटीसी ने नागपुर से सप्लाई की व्यवस्था की है। लेकिन, वहां से खपत के अनुसार पानी बॉटल उपलब्ध नहीं हो पा रही थी। रेल नीर के शॉर्टेज और यात्रियों की परेशानियों को लेकर लगातार अलग-अलग स्टेशनों के स्टॉल व अन्य यूनिट संचालकों के द्वारा शिकायत भी की जा रही थी।
रेल नीर प्लांट और इसकी सप्लाई की जिम्मेदारी भले ही आईआरसीटीसी के पास हो। मगर, यात्रियों की सुविधा, सुरक्षा इनकी जवाबदारी रेल प्रशासन की है। यदि यात्रियों को थोड़ी भी दिक्कत होती है तो इसके लिए रेल प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया जाता है।
वर्तमान में भी स्थिति कुछ इसी तरह थी। इसे देखते हुए रेलवे ने यात्रियों के हित में अहम फैसला लेते हुए इन तीनों ब्रांड के पानी को बेचने की अनुमति दे दी है। इस फैसले से यात्रियों को एक विकल्प मिलेगा। रेलवे प्रशासन ने यह कदम गर्मी के मौसम में यात्रियों की बढ़ती मांग को देखते हुए उठाया है।
गर्मी में पानी की खपत बढ़ जाती है। इस भीषण गर्मी में यदि यात्रियों को रेल नीर उपलब्ध नहीं होगा तो यात्रियों को भारी दिक्कत हो सकती थी।
आईआरसीटीसी ने जिस कंपनी को प्लांट चलाने का ठेका दिया था, उसने एक महीने पहले यानी अक्टूबर में ही प्रबंधन को पत्र भेजकर एक दिसंबर से प्लांट बंद करने की जानकारी दे दी थी। इस बीच कंपनी को जलकर की बकाया राशि जमा करने कहा गया, तो कंपनी ने इन्कार कर दिया।
इसके बाद कंपनी ने नए ठेके के लिए टेंडर ही नहीं किया, क्योंकि करीब पांच सालों में 13 करोड़ 40 लाख 17 हजार रुपए बकाया हो गया था। यह राशि जमा कराए बिना किसी अन्य को ठेका नहीं दिया जा सकता था।
जलकर की यह राशि आईआरसीटीसी को राज्य शासन को देनी है। बड़ी देनदारी से पीछे हटते हुए आईआरसीटीसी ने प्लांट को बंद कर दिया है। लिहाजा, एक दिसंबर 2024 से प्लांट बंद हो गया।
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रेल नीर की सप्लाई का संकट है। इसे लेकर लगातार शिकायतें भी आ रही थीं। इसी वजह से इन तीनों ब्रांड को बेचने की अनुमति दी गई है। यह निर्णय यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखकर लिया गया है। गर्मी में पानी की दिक्कत नहीं रहेगी। - अनुराग कुमार सिंह, सीनियर डीसीएम, बिलासपुर रेल मंडल
रेलवे ने इन ब्रांडों को बेचने की अनुमति दो साल यानी वर्ष 2027 तक के लिए दी है। इसके साथ ही पानी बाटल की कीमत भी निर्धारित की गई है। रेल नीर की तरह ये तीनों ब्रांड का पानी 15-15 रुपये में बिकेंगे।
इससे यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। यात्री भी रेलवे की इस पहल की सराहना कर रहे हैं। उनके इस निर्णय से रेल नीर ही पीने की बाध्यता भी समाप्त हो गई है।