नईदुनिया प्रतिनिधि, सुकमा। जिले के कोंटा ब्लॉक के भेजी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम दंतेशपुरम में सड़क सुविधा का अभाव ग्रामीणों के लिए गंभीर संकट बन गया है। मंगलवार को सात माह की गर्भवती महिला माड़वी सोमडी को अचानक प्रसव पीड़ा हुई।
गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों ने उसे खटिया पर बैठाकर करीब 10 किलोमीटर तक पहाड़ी रास्तों से पैदल उठाकर एलाड़मड़गु पहुंचाया। वहां से बाइक एम्बुलेंस के माध्यम से महिला को कोंटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। बीएमओ डॉ. दीपेश चंद्राकर ने बताया कि महिला का इलाज जारी है और स्थिति स्थिर है।
ग्रामीणों ने बताया कि पहले गांव में मितानिन कार्यकर्ता रहती थी, लेकिन अब स्वास्थ्य प्रतिनिधि अनुपस्थित है। न स्वास्थ्य विभाग का अमला समय पर पहुंचता है और न कोई अन्य सहायता उपलब्ध होती है। पति मांड़वी मसा ने कहा कि प्रशासन को अब जागना चाहिए और सड़क व स्वास्थ्य की समस्या पर तुरंत कदम उठाना चाहिए। महिला के भाई हेमंत कुमार ने भी दुख जाहिर करते हुए कहा कि पहाड़ी रास्तों से अपनी बहन को ले जाते समय जो कष्ट झेला वह शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
इस घटना से स्वास्थ्य व्यवस्था की लापरवाही भी उजागर हुई है। गछ्छनपल्ली उप स्वास्थ्य केंद्र में केवल एक एएनएम पदस्थ है, जबकि दंतेशपुरम की दूरी लगभग 15-20 किलोमीटर है। आरएचओ महेंद्र काको पर्यवेक्षक होने के बावजूद क्षेत्र में पर्याप्त काम नहीं कर पा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा है।
बीजापुर जिले में भी विकास और बुनियादी सुविधाओं की कमी ग्रामीणों के लिए समस्या बनी हुई है। 214 बटालियन सीआरपीएफ ने स्वास्थ्य और स्वच्छता जागरूकता हेतु फिट इंडिया फ्रीडम रन 6.0 आयोजित किया। कमांडेंट डी. जोशी ने जवानों को स्वास्थ्य और स्वच्छता का महत्व समझाया और व्यक्तिगत व सामाजिक जिम्मेदारी निभाने का संदेश दिया।
जिला पंचायत सीईओ नम्रता चौबे ने कलेक्टर संबित मिश्रा के मार्गदर्शन में समय-सीमा बैठक आयोजित कर जल जीवन मिशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, बिजली और आवास योजनाओं की समीक्षा की। सीईओ ने प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल, मोबाइल नेटवर्क और अन्य नागरिक सेवाओं के त्वरित समाधान के निर्देश दिए।
सुकमा और बीजापुर दोनों ही जिलों में ग्रामीणों की समस्याओं में सड़क, स्वास्थ्य केंद्र, बिजली, स्वच्छता और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी मुख्य चुनौती बनी हुई है। ग्रामीण शासन से अपील कर रहे हैं कि इन क्षेत्रों में त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं, ताकि जीवन सरल और सुरक्षित हो सके।
इस तरह, दोनों जिलों में प्रशासन और सुरक्षा बलों की सक्रियता के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी संरचना की कमी लोगों के जीवन को प्रभावित कर रही है। स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और सुरक्षा बलों के समन्वय से सुधार की संभावना है, लेकिन इसके लिए शीघ्र कार्रवाई आवश्यक है।