
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अब मार्कशीट, माइग्रेशन, ट्रांसक्रिप्ट, हॉस्टल समस्याओं और रैगिंग सहित शिकायतों के लिए बार-बार विश्वविद्यालय नहीं आना पड़ेगा। न ही उन्हें अधिकारियों के चक्कर लगाने होंगे। विश्वविद्यालय ने बुधवार को अपना विशेष मोबाइल एप ‘डीएवीवी ई-समाधान’ लांच कर दिया है, जिसके माध्यम से छात्र-छात्राएं घर बैठे ही सभी तरह की शिकायतें दर्ज कर सकेंगे।
यह एप परीक्षा परिणामों और संबंधित दस्तावेजों से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के लिए बनाया गया है। विद्यार्थी इसे विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट और गूगल प्ले स्टोर से निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। खास बात यह है कि डीएवीवी प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है जिसने अपना स्वयं का शिकायत-निवारण मोबाइल एप तैयार किया है।
विश्वविद्यालय ने जुलाई में आइटी कंपनी की मदद से ई-समाधान एप तैयार कर लिया था। ट्रायल के दौरान विश्वविद्यालय के अधिकारी और कर्मचारी स्वयं इसमें शिकायतें दर्ज कर रहे थे, ताकि एप के कामकाज की क्षमता की जांच की जा सके। इस परीक्षण में 90 प्रतिशत समस्याओं का समाधान सफलतापूर्वक किया गया। कुछ तकनीकी त्रुटियां सामने आईं, जिन्हें आईटी कंपनी ने सुधारकर नवंबर में अंतिम रिपोर्ट सौंप दी।

बुधवार को आयोजित समारोह में एप का औपचारिक शुभारंभ कुलगुरु प्रोफेसर राकेश सिंघई ने किया। इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष हर्ष चौहान, आईटी कंपनी के निदेशक अमोल वैद्य, आईटी सेंटर प्रभारी संदीप जैन, प्रवीण शर्मा, रजिस्ट्रार प्रज्वल खरे और परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी उपस्थित थे। कुलगुरु डा. सिंघई का कहना है कि समाधान एप्लीकेशन पर दर्ज शिकायत को लेकर प्रत्येक अपडेट की सूचना विद्यार्थियों को एमएसएस और ई-मेल पर दी जाएगी।
एप पर दर्ज शिकायतों का निपटारा चार स्तरों में किया जाएगा।
1. पहला और दूसरा स्तर : विभाग के संबंधित अधिकारी और कर्मचारी शिकायत का समाधान करेंगे।
2. यदि छात्र असंतुष्ट हो, तो शिकायत कुलगुरु और रजिस्ट्रार तक पहुंचेगी।
3. तय समयसीमा में समाधान अनिवार्य होगा, अन्यथा जिम्मेदार अधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
डीएवीवी के 30 यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट (यूटीडी) और 160 सरकारी-निजी महाविद्यालयों में अध्ययनरत लगभग आठ लाख विद्यार्थी इस एप का लाभ उठा सकेंगे। दूरदराज के जिलों के छात्रों के लिए यह एप बड़ी राहत साबित होगा, क्योंकि अब उन्हें छोटी-छोटी समस्याओं के लिए इंदौर आने की आवश्यकता नहीं होगी।
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