एंटरटेनमेंट डेस्क, इंदौर। Leela Mishra Career: कभी मां, दादी, चाची, मामी और नानी के रोल निभाने वाली लीला मिश्रा ने अपने फिल्मी करियर में खूब सफलता का स्वाद चखा है। एक्ट्रेस के एक रोल ने उन्हें घर-घर में फेमस कर दिया था और वो था बसंती की दादी यानी शोले की मौसी। आज भी इस रोल से लोगों को उनकी याद आ जाती है। लीला मिश्रा का जन्म 1908 में उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था। वे अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री मानी जाती थी। फिल्मों में उनकी एंट्री का किस्सा बड़ा दिलचस्प है। इसे बाॅलीवुड एक्ट्रेस तबस्सुम ने अपने यूट्यूब चैनल पर शेयर किया था।
लीला मिश्रा के पिता उस समय बहुत बड़े जमींदार थे। उस जमाने में पढ़ाई-लिखाई को इतनी तवज्जो नहीं दी जाती थी। इस कारण लीला मिश्रा की पढ़ाई नहीं हुई। जब वे सिर्फ 12 साल की थीं, तो उनकी शादी कर दी गई थी। 17 साल की उम्र तक वे दो बेटियों की मां भी बन गई थीं।
लीला के पति राम प्रसाद मिश्रा एक एक्टर थे। एक दिन जब दादा साहब फाल्के फिल्म कंपनी में काम करने वाले मामा शिंदे उनके घर पर आए, तो उन्होंने लीला को भी फिल्मों में काम करने की सलाह दी। यह सुनकर पहले, तो राम प्रसाद ने इनकार किया, लेकिन बाद में राजी हो गए।
इसके बाद दोनों ने एक साथ फिल्म में काम किया। लीला ने फिल्म सती सुलोचना से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया। इस फिल्म में एक्ट्रेस के अपोजिट उनके पति राम प्रसाद थे। लीला को फिल्म में काम करने के लिए ज्यादा पैसे मिलते थे, क्योंकि उस जमाने में औरतें फिल्मों में काम नहीं करती थीं।
ऐसे में जब भी कोई औरत फिल्म में काम करने आती थी, तो उसे ज्यादा पैसे दिए जाते थे। लीला मिश्रा का कहना था कि वे जिस परिवार से आती हैं, वहां किसी और आदमी के साथ काम करना काफी गलत माना जाता था। यह उन्हें रास नहीं आ रहा था। एक्ट्रेस ने फैसला किया कि वे सिर्फ कैरेक्टर रोल्स ही करेंगी।
1975 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म शोले से लीला मिश्रा को काफी ज्यादा फेम मिली। इस फिल्म में उन्होंने बसंती की मौसी का किरदार निभाया था। इस रोल से वे इतनी फेमस हो गईं कि हर कोई उन्हें मौसी कहने लगा। 17 जनवरी 1988 में हार्ट अटैक आने की वजह से लीला मिश्रा का निधन हो गया था।