नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल (Health Services in MP)। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल अब किसी भी आपात स्थिति या आपदा से निपटने के लिए और भी तैयार हो गया है। एम्स के ट्रामा एवं आपातकालीन चिकित्सा विभाग में भीष्म क्यूब्स का उद्घाटन और प्रदर्शन किया गया।
ये भीष्म क्यूब्स दरअसल एक मोबाइल अस्पताल हैं, जिन्हें आपदा या मानवीय संकट के समय में तुरंत चिकित्सा पहुंचाने के लिए बनाया है। इन मोबाइल अस्पतालों को आपदा वाली जगह पर स्थापित किया जा सकता है।
इनका फायदा यह है कि ये गोल्डन आवर (किसी दुर्घटना या गंभीर स्थिति के बाद का पहला महत्वपूर्ण घंटा), जिसमें इलाज मिलने पर जान बचने की संभावना ज्यादा होती है) में जरूरी चिकित्सा सेवाएं दे सकते हैं, जिससे जानें बचाई जा सकें। कार्यक्रम में एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. डा. अजय सिंह मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
कार्यक्रम के दौरान एचएलएल टीम ने भीष्म क्यूब्स को स्थापित करके दिखाया और उनकी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। ट्रामा व आपातकालीन विभाग की अतिरिक्त प्रोफेसर डा. भूपेश्वरी पटेल ने एक जीवनरक्षक मोबाइल एप कोड इमरजेंसी का लाइव डेमो दिया।
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यह एप हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध है। डाउनलोड होने के बाद बिना इंटरनेट के भी काम करता है। इसमें आडियो-विजुअल निर्देशों के जरिए किसी भी जगह पर सीपीआर देकर किसी व्यक्ति की जान बचाने की सुविधा दी गई है।