
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल: लखपति दीदी के समान लखपति बीघा का लक्ष्य रखते हुए एक बीघा से एक लाख रुपये की कमाई करने वाले किसानों को भी सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने और अद्यतन तकनीक का इस्तेमाल कर बेहतर उपज लेने के लिए ग्राम स्तर पर गतिविधियां संचालित की जाएंगी।
साथ ही पराली और नरवाई प्रबंधन के लिए तीन वर्ष की कार्ययोजना तैयार की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने शुक्रवार को कृषि विभाग की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों और नवाचारों का प्रस्तुतीकरण दिया गया।
इसमें बताया गया कि प्रदेश दालों, तिलहन और मक्का उत्पादन में देश में प्रथम तथा खाद्यान्न, अनाज एवं गेहूं उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। 2025-26 में 29.77 लाख टन यूरिया और 30 नवंबर तक 19.42 टन डीएपी और एनपीके बांटा जा चुका है।
साथ ही बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा में 1 करोड़ 79 लाख बीमित किसानों को 1275.86 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। खाद वितरण के लिए ई-विकास पोर्टल से उर्वरक वितरण का पायलट प्रोजेक्ट विदिशा, शाजापुर और जबलपुर में प्रारंभ किया है, जिसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आगामी तीन वर्षों में सभी 363 नगरपालिका, नगर पंचायतों में साप्ताहिक जैविक/प्राकृतिक हाट बाजार लगाए जाएंगे। पर ड्रॉप मोर क्रॉप के तहत वर्ष 2025-26 में 25 हजार, वर्ष 2026-27 में एक लाख और वर्ष 2027-28 में दो लाख हेक्टेयर का लक्ष्य है।
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नरवाई और पराली प्रबंधन के अंतर्गत वर्ष 2027-28 तक 80 प्रतिशत तक की कमी लाने का लक्ष्य रखा है। मंडियों का हाईटेक बनाने के साथ तिलहन, दलहन फसलों में आत्मनिर्भरता के लिए क्षेत्र विस्तार का लक्ष्य रखा है।