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नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (सीएमआरएस) से ग्रीन सिग्नल मिल जाने के बाद से भोपाल मेट्रो को चलाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं, ताकि 13 दिसंबर से पहले प्रायोरिटी कॉरिडोर (7.5 किलोमीटर) के सारे काम हो जाएं। चूंकि इंदौर में मेट्रो के संचालन को शुरू हुए करीब छह महीने से अधिक समय हो गया है, ऐसे में भोपाल मेट्रो का हाल इंदौर मेट्रो जैसा न हो, इसके मद्देनज़र भोपाल मेट्रो के बेस फेयर, शेड्यूल और स्कीम को लेकर मेट्रो प्रबंधन के अधिकारियों के बीच मंथन चल रहा है। ताकि राजधानी में मेट्रो का उपयोग अधिक से अधिक नागरिक कर सकें।
जानकारी के अनुसार, बेस फेयर 20 रुपये के बजाए 10 रुपये करने पर मंथन चल रहा है। इसके अलावा, महिलाएं, स्टूडेंट्स और सीनियर सिटीजन के लिए अलग-अलग स्कीम पर विचार चल रहा है। इंदौर के फॉर्मूले पर शेड्यूल बनाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इंदौर में रात 9 बजे तक मेट्रो चलाई जाती थी, लेकिन कम भीड़ के चलते इसका संचालन एक घंटा कम करना पड़ा। भोपाल में मेट्रो का संचालन सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक करने का प्रस्ताव भी चर्चा में है। हालांकि इस बारे में मेट्रो प्रबंधन का कहना है कि सब कुछ पहले से तय है। लोकार्पण की तारीख के कंफर्म होते ही शेड्यूल, फेयर और स्कीम पर मोहर लगा दी जाएगी।
प्रायोरिटी कॉरिडोर पर शुरुआती दिनों में हर 30 मिनट में मेट्रो चलाई जाएगी। जब पूरा 16.74 किलोमीटर का ऑरेंज लाइन रूट (एम्स से करोंद तक) तैयार हो जाएगा, तब इसकी फ्रीक्वेंसी घटाकर 10 मिनट पर कर दी जाएगी। सुभाष नगर से एम्स और एम्स से सुभाष नगर के बीच प्रतिदिन 25-25 फेरों का संचालन प्रस्तावित है। इंदौर मेट्रो में लागू स्कीम को भोपाल में भी लागू किया जा सकता है। हालांकि, भोपाल में महिलाएं, स्टूडेंट्स और सीनियर सिटीजन के लिए किराये पर अलग-अलग छूट दी जा सकती है। ज्ञात हो कि इंदौर में पहले तीन महीनों तक 25 प्रतिशत बेस फेयर छूट दी गई थी। भोपाल में भी इसको लागू किया जा सकता है। आखिरी निर्णय टिकट फेयर कमेटी लेगी।
भोपाल मेट्रो अपने व्यावसायिक संचालन के बेहद करीब पहुंच चुकी है। 10 दिसंबर तक सभी तैयारियां पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। ताकि 13 दिसंबर की तारीख कंफर्म होती है तो उस दिन लोकार्पण में कोई दिक्कत न आए। हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय से लोकार्पण के लिए तारीख कंफर्म नहीं की गई है।