
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। सीहोर जिले के रेहटी गांव निवासी राधेश्याम खाती ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा कि सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत वापस लेने के लिए पुलिस उन्हें अनावश्यक प्रताड़ित कर रही है, जब मर्जी होती है, तब उठा लिया जाता है। मामला उसके विरूद्ध झूठी एफआईआर दर्ज किए जाने का है।
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो को भेजी शिकायत में उन्होंने बताया कि छह नवंबर को पड़ोसी शंकर और लखन सहित आठ लोगों ने उनके पिता पर हमला किया था, जिसमें गंभीर चोटें आई हैं। इस घटना के दौरान वह खेत पर बोवनी कर रहा था, फिर भी पुलिस ने फर्जी एफआईआर दर्ज कर ली जबकि आरोपितों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की है।
इससे पहले भी एक अन्य ग्रामीण कुलदीप चौहान ने रेहटी थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक नंदलाल अहिरवार के विरुद्ध झूठी एफआईआर दर्ज करने की शिकायत की थी। चौहान की पत्नी ने अवशाद के दौरान आत्महत्या कर ली थी। इसके चिकित्सीय दस्तावेज देने के बाद भी उसके खिलाफ झूठी एफआईआर दर्ज कर दी।
पीड़ित के अनुसार, घटना स्थल पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे थे, पर पुलिस ने फुटेज नहीं देखे न ही इसे रिकॉर्ड में लिया, नहीं तो सच्चाई सामने आ जाती। पुलिस ने उल्टा पीड़ित पक्ष के विरुद्ध भी अपराध पंजीबद्ध कर लिया है, जिसमें 13 वर्ष के एक बच्चे को भी आरोपित बना दिया है। राधेश्याम के बेटे मनोज ने बताया कि मामले की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की तो शिकायत वापस लेने के लिए पुलिस प्रताड़ित कर रही है। राधेश्याम ने आयोग से रेहटी के थाना प्रभारी राजेश कहारे व मामले से की जांच में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका का परीक्षण कराने की मांग की है।