मध्य प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के चयन का रास्ता साफ, 15 जिलाध्यक्ष और घोषित, अब तक 46 जिले पूरे
कुछ बड़े नेताओं का मानना है कि ओबीसी मुख्यमंत्री होने के कारण सामान्य वर्ग का अध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाएं अधिक हैं। अगर इस वर्ग की बात करें तो हेमंत खंडेलवाल, डा. नरोत्तम मिश्रा का नाम है। हेमंत खंडेलवाल का नाम संगठन के कुछ लोगों द्वारा आगे बढ़ाया गया है। वे लंबे समय से संगठन में काम कर रहे हैं।
Publish Date: Wed, 15 Jan 2025 09:46:27 PM (IST)
Updated Date: Wed, 15 Jan 2025 10:04:25 PM (IST)
भाजपा को जल्द मिलने वाला है नया प्रदेश अध्यक्ष।HighLights
- जल्द आएंगे धर्मेंद्र प्रधान, -कई दावेदार जोर आजमाइश में जुटे।
- चुनाव प्रभारी प्रधान के भोपाल प्रवास के बाद स्पष्ट होगी तस्वीर।
- केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अभी पत्ते नहीं खोले हैं।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। भाजपा के संगठन चुनाव का रास्ता अब साफ हो गया है। इसके लिए पार्टी ने अब तक 47 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी है यानी दो तिहाई से अधिक जिलों में नए जिलाध्यक्ष बनाए जा चुके हैं। बुधवार को पार्टी ने 15 जिलाध्यक्ष के नाम घोषित किए। इसके साथ ही प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव कराया जा सकता है, इसलिए माना जा रहा है कि अब बाकी जिलों में भी जिलाध्यक्ष के नाम एक-दो दिन में घोषित हो जाएंगे।
बता दें कि मध्य प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक 62 जिले हैं। फिलहाल पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर किसी प्रकार के पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन माना जा रहा है कि सामान्य या आदिवासी वर्ग से कोई प्रदेश अध्यक्ष चुना जा सकता है। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी करने चुनाव अधिकारी धर्मेंद्र प्रधान 20 जनवरी के बाद भोपाल आ सकते हैं।
मंडला में गैर आदिवासी को बनाया जिलाध्यक्ष
पार्टी ने पार्टी ने आदिवासी बहुल जिला मंडला में गैर आदिवासी को अध्यक्ष बनाया है। मंडला में प्रफुल्ल मिश्रा को अध्यक्ष बनाया है। वहीं, झाबुआ में भानू भूरिया को ही रिपीट किया गया है। भूरिया आदिवासी हैं। भिंड में देवेंद्र नरवरिया को भी दोबारा अवसर दिया गया है। बचे हुए जिलाध्यक्षों की सूची भी कल जारी किए जाने की संभावना है। उमरिया में भी आशुतोष अग्रवाल को दोबारा बनाया गया है।
MP BJP जिलाध्यक्षों के नाम घोषित, भोपाल-जबलपुर समेत देखें पूरी लिस्ट
![naidunia_image]()
अब तक 46 जिलों के भाजपा अध्यक्ष घोषित, इनमें चार महिलाएं
- जिला -- जिलाध्यक्ष का नाम
- रायसेन -- राकेश शर्मा
- बैतूल -- सुधाकर पंवार
- सिवनी -- मीना बिसेन
- बड़वानी -- अजय यादव
- रीवा -- वीरेंद्र गुप्ता
- आलीराजपुर -- संतोष परवल
- झाबुआ -- भानु भूरिया
- मुरैना -- कमलेश कुशवाहा
- मंडला -- प्रफुल्ल मिश्रा
- भिंड -- देवेंद्र नरवरिया
- उमरिया -- आशुतोष अग्रवाल
- नर्मदापुरम -- प्रीति शुक्ला
- सीधी -- देव कुमार सिंह
- आगर -- ओम मालवीय
- मंदसौर- राजेश दीक्षित
अब ओबीसी प्रदेश अध्यक्ष की भी चर्चा
पार्टी सूत्रों के अनुसार कुछ दिन पहले चर्चा चली थी कि मप्र में भाजपा अध्यक्ष भी ओबीसी वर्ग से ही बनाया जा सकता है, तब राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार का नाम चर्चा में आया था। नेताओं के अनुसार पाटीदार के चयन से महिला प्रदेश अध्यक्ष का कोटा भी पूरा हो जाता और ओबीसी वर्ग का भी लाभ मिलता।
BJP Jila Adhyaksh in MP: कांग्रेस से आए नेताओं ने भी बिगाड़ा भाजपा जिलाध्यक्षों के चयन का समीकरण, अब फैसला दिल्ली से
![naidunia_image]()
- इधर, क्षत्रिय वर्ग से चयन की बात आई तो पूर्व मंत्री अरविंद भदौरिया और बृजेंद्र प्रताप सिंह के नाम केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंचाए गए हैं। भदौरिया को मूल रूप से संगठन क्षमता वाला नेता माना जाता है।
- पहले पार्टी ने उन्हें प्रदेश सदस्यता प्रभारी की जिम्मेदारी भी सौंपी थी। ब्राह्मण वर्ग से चयन की बात आई तो डा नरोत्तम मिश्रा को प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
- मिश्रा को कई बड़े नेताओं का भी समर्थन प्राप्त है। इसी कड़ी में भाजपा आदिवासी नेतृत्व पर भी विचार कर रही है।
- इस वर्ग से आदिवासी मोर्चा के अध्यक्ष रहे गजेंद्र सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते का नाम चर्चा में है।
- कुलस्ते को मोदी कैबिनेट में मंत्री नहीं बनाया गया है। इसीलिए संभावना है कि मप्र में अध्यक्ष बनाकर उनको समायोजित किया जा सकता है।
![naidunia_image]()
- वहीं, गजेंद्र के साथ अच्छा पक्ष यह है कि वह मालवांचल का प्रतिनिधित्व करते हैं, जहां आदिवासी सीट ज्यादा हैं और चुनौतियां भी अधिक हैं।
- प्रदेश में आदिवासी वर्ग की भूमिका सरकार बनाने में अहम होती है। यह वर्ग 2018 से भाजपा के साथ पूरी तरह नहीं है। झारखंड के आदिवासी वर्ग ने भी भाजपा का साथ नहीं दिया।
- मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के कार्यकाल को पांच वर्ष पूर्ण हो रहे हैं।
- उनके नेतृत्व में प्रदेश भाजपा को विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली और लोकसभा चुनाव में भी पहली बार सभी 29 सीटों पर विजय हासिल हुई।