
नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। 13 दिसंबर की रात्रि में शुक्र ग्रह पूर्व दिशा में अस्त हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त 16 दिसंबर से खरमास की शुरुआत होगी। इस वजह से विवाह आदि मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। दो फरवरी 2026 को शुक्र ग्रह पश्चिम दिशा में उदित होंगे। तत्पश्चात चार फरवरी से एक बार फिर शहनाइयां गूंजने लगेंगी।
फरवरी माह में 13 दिन और मार्च माह में विवाह के पांच शुभ मुहुर्त हैं। उसके बाद मीन की संक्रांति के कारण एक बार फिर विवाह पर रोक लग जाएगी। 15 अप्रैल के बाद पुन: विवाह शुरू हो सकेंगे।

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नेहरू नगर स्थित ज्योतिष मठ संस्थान के संचालक पंडित विनोद गौतम ने बताया कि 13 दिसंबर को रात्रि 2:06 बजे शुक्र ग्रह पूर्व दिशा में अस्त हो रहे हैं। फिल्म, कला, दांपत्य सुख ,मनोरंजन आदि का कारक ग्रह के अस्त होने से विवाह आदि मांगलिक कार्यों में बाधाकारी है। शुक्र के अस्त होने का प्रभाव विवाह मुहूर्त पर रहेगा।
इसके साथ ही देश-विदेश में अंगारक योग और सूर्य,मंगल के साथ शुक्र का मिलन त्रग्रही योग बना रहा है यह फिल्म जगत पर भारी है। इसी तरह 16 दिसंबर से खरमास भी शुरू होगा, जो 14 जनवरी को संक्रांति तक प्रभावशील रहेगा।
इस अवधि में भी शुभ मंगल कार्य वर्जित माने जाते हैं। इनमें सगाई, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य शामिल हैं। खरमास 16 दिसंबर को दोपहर 1:27 बजे से शुरू हो जाएगा। जो 14 जनवरी को रात 9.19 बजे सूर्य देव के उत्तरायण होने तक प्रभावी रहेगा।
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दो फरवरी 2026 को शुक्र, पश्चिम दिशा में पुन: उदित होंगे। उसके पश्चात ही विवाह आदि के मुहूर्त योग प्रारंभ होंगे। फरवरी में ही विवाह के मुहूर्त अत्यधिक रहेंगे। इसके अंतर्गत फरवरी में 4, 5, 6, 10, 11, 12, 14, 19, 20, 21, 24, 25 एवं 26 फरवरी को विवाह मुहूर्त है। इसी तरह मार्च 2026 में तारीख 9, 10, 11, 12 एवं 14 तारीख को विवाह मुहूर्त हैं। इसके पश्चात मीन की संक्रांति के प्रभाव से विवाह एक माह तक फिर रुक जाएंगे। जो 15 अप्रैल से पुन: प्रारंभ होंगे।