नईदुनिया प्रतिनिधि, छिंदवाड़ा। कोल्ड्रिफ कफ सीरप से मध्य प्रदेश में 23 बच्चों की मौत के मामले में लगातार नए राजफाश हो रहे हैं। एक चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई है कि आरोपित डॉ. प्रवीण सोनी को श्रीसन फार्मास्यूटिकल्स के कोल्ड्रिफ कफ सीरप की 24.54 कीमत वाली प्रत्येक बोतल का विक्रय कराने के बदले ढाई रुपये का कमीशन मिलता था।
पुलिस के अनुसार, रिपोर्ट में यह दिखाया गया कि सीरप से बच्चों में मूत्र प्रतिधारण और गुर्दे की विफलता होती है। डॉ. प्रवीण सोनी से इलाज कराने वाले कई बच्चों को परासिया से नागपुर रेफर किया गया, जहां सितंबर और अक्टूबर के बीच उनकी मृत्यु हुई है। परासिया के सिविल अस्पताल में कार्यरत रहा शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. सोनी के पास आसपास के न्यूटन, जाटाछापर, जुन्नारदेव और उमरेठ तक से बच्चे इलाज कराने के लिए आते थे। डॉ. सोनी का लिखा गया कफ सीरप उनकी पत्नी और भतीजे की दवा दुकानों के जरिए बेचा जाता था।
भतीजा राजेश सोनी न्यू अपना मेडिकल स्टोर के नाम पर छिंदवाड़ा शहर में बड़ा स्टाकिस्ट था। इस संबंध में एसडीओपी जितेंद्र जाट का कहना है कि डॉ. सोनी के अलावा किसी और की गिरफ्तारी या रिमांड नहीं हुई है। सबूत सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी।
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने 18 दिसंबर, 2023 को राष्ट्रव्यापी निर्देश जारी किए थे, जिसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को चार साल से कम उम्र के बच्चों को फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाएं न लिखने की चेतावनी दी थी।
मध्य प्रदेश एसआइटी ने चेन्नई में मंगलवार को दिन भर कोल्ड्रिफ कप सीरप कांड के आरोपित और श्रीसन फार्मा के संचालक जी. रंगनाथन की फैक्ट्री और घर में जांच की। उसी की कंपनी के बनाए कोल्ड्रिप सीरप को पीने से बच्चों की मौत हुई। सीरप में जहरीले केमिकल डाई एथिलीन ग्लाइकाल की मात्रा ज्यादा होने से बच्चों की किडनी फेल हुई थी।
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एसपी अजय पांडे ने बताया कि टीम लगातार जांच में जुटी है। कुछ दस्तावेज भी टीम ने हासिल किए हैं। पूछताछ में रंगनाथन ने दो-तीन नाम और बताए हैं, जिनकी अमानक सीरप बनाने में भूमिका की जांच की जाएगी। टीम बुधवार को भी चेन्नई में रहेगी। रंगनाथन 10 दिन की पुलिस रिमांड पर है।