
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर: ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र में पुलिस टीम पर हुए हमले और आरक्षक को गोली मारने के मामले के दो प्रमुख आरोपित हद्दू गुर्जर और अंकुश गुर्जर सोमवार को मुरैना की अदालत में आत्मसमर्पण करने पहुंचे। दोनों को यह आशंका थी कि पुलिस उनका एनकाउंटर कर सकती है, इसलिए उन्होंने कोर्ट के समक्ष सरेंडर होना उचित समझा।
दोनों आरोपित सुबह 11 बजे जिला न्यायालय में जेएमएफसी अमोल सांघी की अदालत में उपस्थित हुए। उनके अधिवक्ता हरस्वरूप माहेश्वरी ने आवेदन प्रस्तुत कर बताया कि आरोपित जान के भय से न्यायालय में समर्पण करना चाहते हैं। हालांकि, न्यायालय में इस मामले की केस डायरी उपलब्ध नहीं थी, जिसके अभाव में कोर्ट ने सरेंडर की प्रक्रिया स्वीकार करने से इंकार कर दिया।
लगभग साढ़े छह घंटे तक अदालत परिसर में बैठे रहने के बाद शाम करीब 6:30 बजे न्यायाधीश ने आवेदन खारिज कर दिया और कहा कि केस डायरी आने तक कोई निर्णय संभव नहीं है, इसलिए जैसे आए हो, वैसे लौट जाओ। न्यायालय के निर्देश के बाद दोनों आरोपित चुपचाप बाहर निकले, लेकिन पहले से घात लगाए बैठी सिविल लाइन पुलिस टीम ने उन्हें बाहर निकलते ही गिरफ्तार कर लिया। देर शाम ग्वालियर पुलिस की टीम भी मुरैना पहुंच गई।
2 नवंबर को ग्वालियर के महाराजपुरा थाना क्षेत्र के करिगमा गांव निवासी श्याम गुर्जर पर जानलेवा हमला हुआ था। छह आरोपितों में से दो हद्दू उर्फ सौरभ गुर्जर और अंकुश गुर्जर मुरैना के जनकपुर में छिपे हुए थे। 3 दिसंबर को महाराजपुरा थाने की टीम उन्हें पकड़ने पहुंची, जहां भीड़ ने पुलिस पर हमला कर दिया। इसी दौरान फायरिंग में आरक्षक अनिल तोमर के पैर में गोली लग गई।
यह भी पढ़ें- MP के सिवनी में बिजली लाइन से टकराया ट्रेनी विमान, पायलट समेत दो घायल... 90 गांवों में छाया अंधेरा
इस मामले में सिविल लाइन थाने में जनकपुर गांव निवासी सौरभ उर्फ हद्दू गुर्जर, गौरव गुर्जर, परीक्षित गुर्जर, श्यामवीर सिंह गुर्जर, मोनू पुत्र अतर सिंह, करूआ पुत्र अतर सिंह गुर्जर, करूआ पुत्र बटूरी गुर्जर, रवि पुत्र मंगेलाल गुर्जर, रामबृज पुत्र लज्जाराम गुर्जर, पूरन पुत्र लज्जाराम गुर्जर, हरेन्द्र पुत्र डाल सिंह गुर्जर और रिठौरा थाना क्षेत्र के अंगदपुरा निवासी अंकुश गुर्जर के अलावा तीन-चार अज्ञातों पर घातक हथियारों के साथ दंगा करने, शासकीय कार्य में बाधा, हमला करने, वैध गिरफ्तारी में बाधा डालने और हत्या के प्रयास जैसी कुल आठ धाराओं में मामला दर्ज है।