
नईदुनिया प्रतिनिधि, ग्वालियर। भारतीय सेना में अग्निवीर भर्ती अंतिम चरण में है। इस साल जो अभ्यर्थी लिखित और शारीरिक परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद जिनके नाम मेरिट लिस्ट में हैं। अब इनके दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। इसमें चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। कुछ ऐसे युवक सत्यापन में पकड़े गए हैं, जो ओवरएज हो गए। पूर्व में लगाए गए आधार कार्ड से यह सेना में भर्ती नहीं हो सकते। इसलिए इन्होंने शातिर तरीका अपनाया। जाली आधार कार्ड और जाली अंकसूची तैयार कराई।
सेना के डाटाबेस और दस्तावेज सत्यापन में यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है। ऐसे अब तक आधा दर्जन युवक पकड़े जा चुके हैं। खास बात यह है- ऐसा फर्जीवाड़ा करने वाले सबसे ज्यादा युवक उप्र के हैं। चार युवक सिर्फ उप्र के ही पकड़े गए हैं। सेना के अधिकारियों के मुताबिक जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं, उन्हें डिस्क्वालिफाय किया गया और इन्हें ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। इनके फोटो तक डाटाबेस में सुरक्षित हैं, अब कभी यह अभ्यर्थी सेना की भर्ती में शामिल नहीं हो सकेंगे।
यहां बता दें कि सेना में अग्निवीर के लिए आयु सीमा 17 वर्ष छह माह से लेकर 21 वर्ष तक निर्धारित की गई है। 21 वर्ष से अधिक उम्र के युवक इसमें भाग नहीं ले सकते। जो युवक फर्जीवाड़े में पकड़े गए, वह 23 से 25 वर्ष तक की उम्र के निकले। लिखित और शारीरिक परीक्षा में यह अभ्यर्थी नहीं पकड़े गए। जबकि दो अभ्यर्थियों का तो फोटो तक आधार कार्ड से मेल नहीं खा रहा। ऐसे किया फर्जीवाड़ा पूर्व में यह अभ्यर्थी मूल आधार कार्ड के आधार पर अग्निवीर भर्ती में शामिल हुए थे, लेकिन असफल रहे। अब ओवरएज हो गए, इसलिए इन्होंने शातिर तरीका अपनाया।
सेना के अधिकारियों ने एक अभ्यर्थी का उदाहरण देकर बताया कि वह मूल रूप से आगरा का रहने वाला था। ओवरएज होने पर उसने भिंड का फर्जी आधार कार्ड, अंकसूची बनवाई। इसके बाद उसने आवेदन कर दिया। लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षा में उत्तीर्ण हो गया और मेरिट लिस्ट में नाम आने के बाद जब दस्तावेजों का सत्यापन कराया गया। तब यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। आगरा के दो, जौनपुर, मेरठ के एक-एक और दो युवक सागर व मुरैना के पकड़े गए। इन्होंने फर्जी दस्तावेज के जरिये आनलाइन आवेदन किया था।
फर्जी आधार कार्ड, दस्तावेजों के जरिये भर्ती होने का प्रयास कर रहे अभ्यर्थियों को पकड़ा है। उप्र, मप्र के अलग-अलग शहरों के यह अभ्यर्थी हैं। ओवरएज होने पर यह फर्जीवाड़ा किया। - कर्नल पंकज कुमार, निदेशक, सेना भर्ती कार्यालय
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