MP High Court: पुलिस शिकायत आयोग के गठन को लेकर लगाई थी हाई कोर्ट में याचिका, फिर ले ली वापस
मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता तय प्रारूप में दोबारा याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं।
By Kuldeep Bhawsar
Edited By: Hemraj Yadav
Publish Date: Tue, 02 Apr 2024 03:28:54 PM (IST)
Updated Date: Tue, 02 Apr 2024 03:28:54 PM (IST)

MP High Court: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। पुलिस शिकायत आयोग गठित करने की मांग करते हुए मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत जनहित याचिका मंगलवार को खुद याचिकाकर्ता ने वापस ले ली। कोर्ट ने कहा कि याचिका तय प्रारूप में नहीं है और इसके साथ सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश की प्रति भी संलग्न नहीं की गई जिसे आधार बनाकर इसे दायर किया गया है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता इस बात के लिए स्वतंत्र हैं कि वे चाहें तो तय प्रारूप में याचिका दोबारा प्रस्तुत कर सकते हैं।
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हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता अभय चौपड़ा ने दायर की थी। याचिका में कहा था कि सर्वोच्च न्यायालय ने वर्षों पहले मध्य प्रदेश में पुलिस शिकायत आयोग गठित करने के आदेश दिए थे, लेकिन इसका गठन आज तक नहीं हुआ। आयोग के अभाव में आम नागरिक पुलिस के खिलाफ शिकायत नहीं कर पा रहे। पुलिस से शिकायत होने पर उसे शिकायत करने के लिए पुलिस थाने ही जाना पड़ता है। पुलिस के खिलाफ हुई शिकायत की जांच खुद पुलिस ही करती है। ऐसी स्थिति में आमजन चाहकर भी पुलिस के खिलाफ शिकायत नहीं कर पाता, क्योंकि उसे न्याय मिलने की उम्मीद नहीं रहती।
इनका भी नहीं हो रहा पालन
सर्वोच्च न्यायालय ने सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने और इन कैमरों की रिकार्डिंग कम से कम 18 माह तक सहेजकर रखने के आदेश भी दिए थे, लेकिन न तो पुलिस आयोग का गठन हुआ, न ही सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। याचिकाकर्ता चोपड़ा ने बताया कि वे याचिका को तय प्रारूप में तैयार कर दोबारा प्रस्तुत करेंगे।