
लोकेश सोलंकी, नईदुनिया, इंदौर: रिटर्न के हिसाब-किताब में हो रही गलतियां पकड़ने की मंशा से जीएसटी में शुरू हुई ऑडिट प्रक्रिया कारोबारियों के लिए नई परेशानी बन रही है। साइन बोर्ड की गलती के लिए डेढ़ लाख रुपये फाइन का नोटिस दिया जा रहा है। सौलर पैनल लगाने के खर्च का इनपुट टैक्स क्रेडिट वापस करने का फरमान सुना दिया गया है।
व्यापारियों के साथ कर पेशेवर भी यह शिकायत कर रहे हैं कि कुछ अधिकारियों ने ऑडिट को वसूली का जरिया बना लिया है। सेंट्रल जीएसटी के अधिकारी इन शिकायतों के केंद्र में हैं। ऑडिट के दौरान मनमाने तरीके से मांग के नोटिस भी अब सार्वजनिक हो रहे हैं। इंदौर क्षेत्र की फर्में और व्यापारी सेंट्रल जीएसटी के ऑडिट विभाग के अधिकारियों के रवैये के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं।
सेंट्रल जीएसटी की ऑडिट विंग ने एक मिल को नोटिस जारी कर डेढ़ लाख रुपये जुर्माना जमा करने का नोटिस थमा दिया। टैक्स चुकाने में उसके कोई गलती नहीं मिली बल्कि ऑडिट ने गलती बताई कि उसनें अपने साइन बोर्ड पर जीएसटी नंबर नहीं लिखा था इसलिए इतनी पेनाल्टी चुकाना होगी।
एक व्यापारी को नोटिस दिया गया कि उसने छत पर सौलर प्लांट लगाया है, उसके खर्च पर लिया इनपुट टैक्स क्रेडिट ब्याज के साथ लौटाए। अधिकारी ने कारण बताया कि सौलर प्लांट से बनी बिजली तो बिजली कंपनी की ग्रिड में जाकर बिक रही है ना कि उसकी फैक्ट्री में इस्तेमाल हो रही है। इसी तरह एक फैक्ट्री में लगाए गए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की आईटीसी इसीलिए खारिज करने का फरमान दे दिया गया क्योंकि प्लांट फैक्ट्री परिसर के बाहर लगाया गया है।
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चार्टर्ड अकाउंटेंट और कर सलाहकारों के अनुसार ऑडिट में नियम है कि यदि कर चुकाने में कमी-पेशी रही है तो ऑडिट करने वाला अधिकारी उसे पकड़े और शासन के खाते में नियमानुसार वह कर जमा करवा ले। लेकिन अधिकारी किसी भी तरीके से दबाव बना रहे हैं कि टैक्स में कोई कमी नहीं मिले तो कहीं से भी उसे नियमों में उलझाकर सौदेबाजी के लिए बुलाया जाए। हर ऑडिट को स्वीकृति देने के बदले लाखों रुपये की मांग की जा रही है। ऐसे में करदाता और कर सलाहकार दोनों विरोध के मूड में आ जाए।
चार्टर्ड अकाउंटेंट एसएन गोयल के अनुसार ऑडिट का सेक्शन टैक्स चुकाने में हुई भूलचुक को ठीक करने के लिए लाया गया था। कुछ अधिकारी नोटिसों में मोटी मांग ही इसलिए निकाल रहे हैं, ताकि करदाता उनके पास जाकर बात करे और भाव-ताव हो सके।
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चार्टर्ड अकाउंटेंट कीर्ति जोशी के अनुसार कई अधिकारी तो करदाताओं को स्टेटमेंट रिकार्ड करने के लिए दफ्तर बुला रहे हैं जबकि ऑडिट में ऐसा नहीं किया जा सकता। सौलर पेनलों की आइटीसी खारिज करने के कई नोटिस सामने आ चुके हैं। अधिकारी कोशिश कर रहे हैं कि नोटिस में प्रावधानों को दुरुपयोग कर अधिकतम मांग निकले ताकि करदाता पर दबाव बन। ऐसे प्रकरणों में अब अधिकारियों की शिकायतें दिल्ली भेजी जा रही है।