नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कृषि विज्ञान परिसर नई दिल्ली से इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के 30 टन प्रतिदिन क्षमता के दुग्ध पाउडर प्लांट का उद्घाटन वर्चुअली किया। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहे। वर्चुअली लोकार्पित किए गए इस दुग्ध चूर्ण संयंत्र का प्रदेश के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के राज्यमंत्री लखन पटेल ने मांगलिया पहुंचकर निरीक्षण किया और फीता काटकर संयंत्र का शुभारंभ किया।
उन्होंने संयंत्र का संचालन करने वाली टीम और संबंधित अधिकारियों से संवाद किया। दुग्ध संघ के विषयों पर चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिए। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भरता मिशन का भी शुभारंभ किया। एआइएफ के तहत 1068 परियोजनाओं, पशुपालन क्षेत्र में 18 परियोजनाओं, मत्स्य पालन में नौ परियोजनाओं और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में 16 परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया। इसके अतिरिक्त, पशुपालन क्षेत्र में एक परियोजना, मत्स्य पालन क्षेत्र में सात परियोजनाएं और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में एक परियोजना का शिलान्यास भी किया गया।
भारत सरकार की नेशनल प्रोग्राम फार डेयरी डेवलपमेंट योजना के तहत दूध पावडर प्लांट परियोजना की कुल लागत 76.50 करोड़ रुपये है। इसमें से 29.50 करोड़ रुपये एनडीडीबी के माध्यम से और शेष राशि इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के स्वयं के स्रोतों से जुटाई गई है। संयंत्र की स्थापना का कार्य भारत सरकार की कंपनी मेसर्स हिंदुस्तान मशीन टूल्स द्वारा किया गया है। यह संयंत्र स्काडा (प्लांट पर्यवेक्षीय, नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण) स्वचलित प्रणाली से संचालित है।
यह कंप्यूटर आधारित प्रणाली औद्योगिक उपकरणों और प्रक्रियाओं की निगरानी, डेटा संग्रहण और नियंत्रण के लिए उपयोग की जाती है। प्रतिदिन तीन लाख लीटर दूध से लगभग 30 टन दुग्ध चूर्ण का उत्पादन किया जाएगा। फ्लश सीजन में अतिशेष दूध का पूर्ण उपयोग किया जाएगा, जिससे किसानों से अधिक मात्रा में दूध क्रय किया जा सकेगा। इससे दुग्ध उत्पादक किसानों की आय में वृद्धि होगी।
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