नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। लार्डगंज थाना क्षेत्र निवासी कक्षा 12वीं की छात्रा शनिवार को कोचिंग जाने के लिए घर से निकली और लापता हो गई। रविवार को छात्रा का शव नरसिंहपुर जिले के सालीचौका में रेल पटरियों पर मिला। शव के पास एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसे जीआरपी ने जब्त किया है। मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, छात्रा के स्वजन ने उसकी हत्या का संदेह व्यक्त किया है और पुलिस की लापरवाही के कारण छात्रा की मौत का आरोप लगाया है। घटना से छात्रा के स्वजन और स्थानीय लोगों में आक्रोश है। रविवार को जब शव जबलपुर में घर पहुंचा तो स्वजन का गुस्सा फूट पड़ा। शव रखकर पुलिस के विरोध में आक्रोश व्यक्त किया।
मूलत: गोसलपुर के सिलुआ निवासी हर्षिता श्रीवास (17) श्रीनाथ की तलैया में बुआ आधा सेन के घर पर रहती थी। वह गुरुनानक स्कूल में कक्षा 12वीं की छात्रा थी। कोचिंग पढ़ने के लिए नया मोहल्ला जाती थी। शनिवार की शाम लगभग पांच बजे छात्रा घर से कोचिंग जाने का बोलकर निकली। शाम साढ़े सात बजे उसका भाई उसे कोचिंग से वापस लेने के लिए पहुंचा। वहां जाकर पता चला कि हर्षिता कोचिंग पहुंची ही नहीं है। उसने घर जाकर तुरंत स्वजन को बताया। उसके बाद स्वजन लार्डगंज थाने पहुंचे। पुलिस को गुम होने की जानकारी दी। छात्रा की सहेलियों से उसके बारे में पूछा। संभावित जगहों पर जाकर देखा, ढूंढते-ढूंढते सुबह हो गई, लेकिन उसका पता नहीं चला।
जीआरपी ने वीडियो कॉल कर दिखाया शव
जबलपुर-इटारसी रेलमार्ग पर रविवार को सुबह छात्रा का शव मिला। शव के पास बैग में मिली कॉपी में उसकी बुआ का फोन नंबर मिला। नरसिंहपुर जीआरपी ने उस नंबर पर फोन किया तो बुआ की बेटी भारती से बात हुई। पुलिस ने घटना के बारे में बताते हुए पहचान के लिए वीडियो कॉल कर शव दिखाया। कपड़े और बैग देखते ही भारती ने हर्षिता को पहचान लिया। उसके बाद तुरंत स्वजन सालीचौका गए। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद छात्रा का शव स्वजन को सौंप दिया।
सुसाइड नोट दबाव देकर लिखवाया, चोट के चिन्ह
छात्रा के शव के पास मिले बैग में सुसाइड नोट बरामद हुआ। जिसमें लिखा था कि मेरे कारण सब परेशान थे। मैं अब जा रही हूं, कभी नहीं लौटूंगी, सब खुश रहना। स्वजन का दावा है कि छात्रा आत्महत्या नहीं कर सकती। षड्यंत्र किया गया है और दबाव देकर उससे सुसाइड नोट लिखवाया गया है। शव पर कई जगह चोट के चिन्ह हैं। उसकी हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर फेंका गया है। हत्या को आत्महत्या दिखाने का प्रयास किया जा रहा है।
मां की मौत के बाद यहां रह रही थी
हर्षिता के पिता मनोहर श्रीवास गोसलपुर के पास सिलुआ में रहते हैं। पहले हर्षिता भी गांव में रहती थी। उसकी मां की मौत के बाद पिता ने उसकी बेहतर परवरिश और पढ़ाई के लिए जबलपुर में रहने वाली अपनी बहन के घर भेज दिया था। वह जबलपुर रहकर ही पढ़ाई कर रही थी। गुरुनानक स्कूल में कक्षा 12वीं की छात्रा थी।
पुलिस ने ढूंढा नहीं, वरना जिंदा होती
स्वजन का आरोप है कि जब वह कोचिंग में नहीं मिली तो तुरंत लार्डगंज थाने जाकर बताया गया। वहां उपस्थित पुलिस अधिकारियों ने उनकी बात सुनी लेकिन गंभीरता से नहीं लिया। गुहार करने पर भी छात्रा को तुरंत तलाशने का कोई प्रयास नहीं किया गया। यदि पुलिस ने तत्परता दिखाई होती और तलाश करती तो उसे ढूंढा जा सकता था। आज वह जिंदा होती। पोस्टमार्टम के बाद रविवार की रात छात्रा का शव जबलपुर पहुंचा। सोमवार को उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा।