"घोटाला किया तो पेड़ लगाने की मिलेगी सजा", जबलपुर में 50 हजार पौधे रोपने की अनोखी पहल
जबलपुर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक अनोखी और हरित पहल की शुरुआत की गई है। अब अगर किसी जनप्रतिनिधि या सरकारी कर्मचारी पर योजनाओं में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप साबित होता है, तो उसे जुर्माना भरने के साथ-साथ पेड़ लगाने की सजा भी भुगतनी होगी।
By Himadri Hada
Edited By: Himadri Hada
Publish Date: Sat, 07 Jun 2025 08:20:06 PM (IST)
Updated Date: Sat, 07 Jun 2025 08:28:27 PM (IST)
जबलपुर में आर्थिक दंड के साथ-साथ पेड़ लगाने की भी भुगतनी होगी सजा।HighLights
- जबलपुर की जिला पंचायत में भ्रष्टाचार को रोकने की अनोखी पहल।
- सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी पाने पर पेड़ लगाने की मिलेगी सजा।
- पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का तरीका।
अतुल शुक्ला, नईदुनिया जबलपुर। जबलपुर की जिला पंचायत एक नई और अनोखी पहल करने जा रही है। अब अगर किसी सरपंच या सचिव पर पंचायत योजनाओं में भ्रष्टाचार के आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें आर्थिक दंड के साथ-साथ पेड़ लगाने की सजा भी भुगतनी होगी। यह सजा सिर्फ दिखावे की नहीं होगी, बल्कि पौधे लगाकर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर होगी।
जबलपुर में 50 हजार पौधे लगाने का अभियान
जबलपुर की जिला पंचायत इस साल जून के आखिरी हफ्ते से जुलाई तक 50 हजार पौधे लगाने का बड़ा अभियान शुरू कर रही है। खास बात यह है कि इस अभियान में पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का तरीका भी अपनाया गया है।
भ्रष्टाचार पर लगाम कसने का अनोखा तरीका
पंचायत की योजनाओं में भ्रष्टाचार के मामलों की जांच चल रही है। जिन सरपंचों या सचिवों पर आरोप सिद्ध होंगे, उन्हें आर्थिक जुर्माना भरने के साथ-साथ अपने खर्चे पर पेड़ लगाने होंगे। यह पेड़ उन्हें खुद अपने गांव में या उसके आसपास लगाने होंगे। सिर्फ लगाना ही नहीं, बल्कि उन पौधों की देखरेख और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उनकी होगी। इतना ही नहीं, आरोपियों को हर 15 दिन में पौधों की फोटो जिला पंचायत कार्यालय में जमा करनी होगी, ताकि यह पुष्टि की जा सके कि पेड़ सही से पनप रहे हैं या नहीं।
बरगी-कुंडम सड़क किनारे लगेंगे 20 हजार पौधे
इस अभियान के तहत बरगी और कुंडम रोड के किनारे 20 हजार पौधे मियावाकी पद्धति से लगाए जाएंगे। मियावाकी एक जापानी तकनीक है जिसमें पौधे पास-पास लगाए जाते हैं, जिससे तेजी से एक घना जंगल जैसा वातावरण बनता है। इन पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी आसपास के गांवों के सरपंचों और पंचों को दी जाएगी।
500 से ज्यादा गांवों में पौधारोपण पर जोर
जिला पंचायत इस अभियान को सफल बनाने के लिए 500 से अधिक गांवों में भी पौधारोपण की योजना बना रही है। तालाबों, सड़कों और मैदानों के किनारे पेड़ लगाए जाएंगे। सभी जगहों को इस तरह चिह्नित किया गया है, जहाँ पानी आसानी से उपलब्ध हो और पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
जिला पंचायत के सीईओ अभिषेक गहलोत ने बताया कि "इस बार सिर्फ पौधे लगाने का काम नहीं होगा, बल्कि उन्हें संरक्षित करने और जीवित रखने पर भी पूरा ध्यान दिया जाएगा। और जो लोग सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी करेंगे, उन्हें अब पेड़ लगाकर गलती सुधारनी होगी।"