जबलपुर में मंदिर-मस्जिद जमीन विवाद गहराया… जानिए क्या है गायत्री शाला मंदिर से जुड़ा पूरा मामला
Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर में गायत्री शाला मंदिर की जमीन से जुड़ा विवाद लंबे समय से चल रहा है। गायत्री शाला मंदिर एक सोसाइटी है, जिसके नाम करीब 2300 वर्ग फीट जमीन है। अधिकारी जांच में जुटे हैं और कई तरह की धांधली भी सामने आ रही है।
Publish Date: Thu, 17 Jul 2025 10:32:01 AM (IST)
Updated Date: Thu, 17 Jul 2025 10:33:05 AM (IST)
पिछले दिनों हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया था।HighLights
- जमीन मंदिर या मस्जिद की, जांच के बाद होगा तय
- 1990 में मंदिर व मस्जिद की जमीन के सर्वे बदल गए
- एसडीएम की रिपोर्ट पर हिंदू संगठनों की आपत्ति
नईदुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर, Jabalpur News: रांझी में गायत्री शाला मंदिर की जमीन पर कब्जा और निर्माण को लेकर उठे विवाद के बाद अब मामला अतिक्रमण पर आ गया है। शाला की जिस जमीन पर मस्जिद निर्माण की बात कही जा रही है, उसकी प्रशासनिक जांच के बाद कई तथ्य सामने आए हैं।
इससे जुड़े दस्तावेजों की जांच में पता चला है कि जिस जमीन को लेकर मंदिर-मस्जिद का विवाद किया जा रहा है, वहां 1985 में वहां मंदिर नहीं था और यह जमीन गायत्री शाला मंदिर के नाम पर दर्ज है, जो संभावित एक सोसाइटी है। इतना ही नहीं 1990 में किए गए बंदोबस्त में हुए बदलाव की वजह से मंदिर और मस्जिद की जमीन के सर्वे नंबर बदल गए थे, जिससे गड़बड़ी हुई।
आज भी शाला की करीब 23 सौ वर्गफीट जमीन खाली है। इधर, जिस जमीन पर मस्जिद होने की बात कही जा रही है, वहां उसी की जमीन है। सूत्रों की मानें तो जांच में यह बात भी आई है कि बंदोबस्त के पहले यह करीब 2300 वर्गफीट थी, लेकिन बाद में यह करीब तीन हजार वर्गफीट हो गई।
अब 700 वर्गफीट जमीन कहां और किसकी है, इस पर अभी संशय है। प्रारंभिक जांच में इसमें अतिक्रमण होना पाया गया है, लेकिन जमीन पर जिसका कब्जा है, उसने अभी तक इसे खाली करने के लिए न कोई आवेदन दिया है।
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1990 में हुए बंदोबस्त में बदले सर्वे नंबर से मचा विवाद
- इस प्रकरण की विधिवत जांच कराई जा रही है। बंदोबस्त के पहले और बाद में क्या हालात हुए और किस दस्तावेजों से बदलाव किए गए। इन सभी तथ्यों की जांच के बाद ही निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा। दीपक सक्सेना, कलेक्टर
- एसडीएम रांझी की रिपोर्ट प्रशासन के इंटरनेट मीडिया अकाउंट पर पोस्ट होने के बाद हिंदूवादी संगठन इस पर भड़क गए और सड़क पर उतर आए। इधर, विवाद बढ़ने के बाद प्रशासन ने इस पोस्ट को इंटरनेट मीडिया से डिलीट कर दिया है और रिपोर्ट तैयार करने वाले एसडीएम रांझी को हटा दिया है।
- अब इसकी जांच कलेक्टर द्वारा गठित की गई जांच समिति कर रही है। विश्व हिंदू परिषद ने मंगलवार को घोषित प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। जांच कमेटी गठित करने और दोषी अफसरों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
- इस पूरे विवाद के पीछे की वजह 12 जुलाई की एक फेसबुक पोस्ट का माना जा रहा है। कलेक्टर के अधिकारिक अकाउंट से शेयर की गई पोस्ट में लिखा था कि मौके पर कभी मंदिर निर्मित होने या भूमि पर मस्जिद निर्मित होने जैसा प्रमाण नहीं पाया गया है।
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