
नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। इस साल सोयाबीन के भावांतर ने किसानों को तो राहत दी ही है, कृषि उपज मंडी समिति को भी मालामाल कर दिया। गत वर्ष से डेढ़ गुना आवक में वृद्धि रही। राजस्व का आंकड़ा दोगुना करीब पहुंच गया। अब तक करीब 18 हजार किसानों ने भावांतर योजना के तहत करीब चार लाख क्विंटल सोयाबीन मंडी नीलामी में बेच दिया है। बीते दो माह में करीब छह लाख क्विंटल की आवक रही। कृषि उपज मंडी में पीला सोना खूब बरस रहा है।
भावांतर योजना के चलते गत वर्ष की अपेक्षा इस बार बंपर आवक हो रही है। दो माह में छह लाख क्विंटल सोयाबीन मंडी नीलामी में बिक गया। कारोबार करीब 260 करोड़ का हुआ। मंडी समिति को शुल्क के रूप में राजस्व 26 करोड़ से भी अधिक मिला। गत वर्ष इन्हीं दो माह में मात्र 13.56 करोड़ का राजस्व मिला था। सोयाबीन की आवक भी चार लाख क्विंटल के करीब थी। मंडी सचिव अश्विन सिन्हा बताते हैं कि भावांतर योजना में किसानों को अपनी सोयाबीन मंडी नीलामी में बेचने के लिए प्रोत्साहित किया। नतीजन मंडी में पीला सोना खूब बरसने लगा। आवक बढ़ने के कारण राजस्व में भी काफी बढ़ोतरी हो गई। बीते पखवाड़ा तक मंडी में सोयाबीन की आवक 30 से 40 हजार बोरी तक का आंकड़ा पार कर रही थी। वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों में लग्न सरा के चलते आवक कमजोर हो गई है।
बता दें प्रदेश सरकार भावांतर योजना के तहत मंडी नीलामी के औसत भाव तथा समर्थन मूल्य भाव के अंतर का भुगतान किसानों को कर रही है। अब तक दो बार में हजारों किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। मंडी के मॉडल रेट के अनुसार किसानों को करीब 1000 से 1100 रुपये क्विंटल का फायदा हो रहा है।
इस वर्ष भावांतर योजना के चलते मंडी में सोयाबीन की आवक काफी हो रही है। किसानों को वर्षों बाद भाव अच्छे मिल रहे हैं। क्वालिटी वाला सोयाबीन मंडी में 4000 से 4500 रुपये क्विंटल बिक रहा है। किसानों को शेष क्षतिपूर्ति भावांतर योजना कर रही है। ऐसे में किसान सोयाबीन को अपने घर में नहीं रखना चाहते हैं, लेकिन व्यापारिक क्षेत्र में 4000 से 4200 रुपये क्विंटल की सोयाबीन का स्टॉक जारी है। अब जिले में करीब 5 लाख बोरी स्टॉक हो चुका है। उज्जैन मंडी में ही करीब 50 हजार बोरी का स्टाक बताया जा रहा है।
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विश्लेषक संदीप सारड़ा के अनुसार इस साल भी सोयाबीन में तेजी की संभावना कम है। वर्तमान में अमेरिका की फसल तेजी से तैयार हो रही है। भारत में भी सोयाबीन की आयात के सौदे हुए हैं, जो दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक पोर्ट पहुंचने की संभावना है। ब्राजील में सोयाबीन की फसल बंपर बताई जा रही है, जो जनवरी के अंतिम सप्ताह से कटना शुरू हो जाएगी। ऐसे में सोयाबीन में तेजी को नकारा जा रहा है।