Ayurvedic Herb Gurmar: डायबिटीज के लिए रामबाण है ये आयुर्वेदिक दवा, तत्काल कंट्रोल होगा शुगर लेवल
Ayurvedic Herb Gurmar खाना खाने से 30 मिनट पहले यदि गुड़मार की पत्ती खा ली जाए तो भूख लगने की इच्छा कम होती है
By Sandeep Chourey
Edited By: Sandeep Chourey
Publish Date: Tue, 09 May 2023 02:36:03 PM (IST)
Updated Date: Tue, 09 May 2023 02:36:03 PM (IST)

Ayurvedic Herb Gurmar। डायबिटीज की बीमारी दुनियाभर के लोगों में एक विकराल समस्या बन गई है। डायबिटीज होने पर कई अन्य शारीरिक समस्याएं होने का भी खतरा बना रहा है। खराब दिनचर्या और खानपान में लापरवाही के कारण डायबिटीज की समस्या इन दिनों युवाओं में भी दिख रही है। ऐसे में यदि आप भी अपना ब्लड शुगर कंट्रोल करना चाहते हैं तो
आयुर्वेदिक औषधि गुड़मार का सेवन कर सकते हैं। गुड़मार औषधि मिठास को कम करने वाली एक शानदार औषधि है। यहां जानें इसके फायदे -
मलेरिया के उपचार में भी काम आता है गुड़मार
मलेरिया और स्नेक बाइट के उपचार में काम आने वाला जिमनेमा सिल्वेस्ट्रे नाम का पौधा अपनी एंटी डायबिटीज गुणों के लिए जाना जाता है। गुड़मार आंतों में अवशोषित होने वाली चीनी की मात्रा को कम करता है और इस कारण शरीर में ब्लड शुगर लेवल तेजी से सुधरता है।
गुड़मार के पत्तों की विशेषता
गुड़मार एक इंसुलिन सेंसेटाइजर है और इसकी पत्तियों में रेजिन, एल्ब्यूमिन, क्लोरोफिल, कार्बोहाइड्रेट, टार्टरिक एसिड, फार्मिक एसिड, ब्यूटिरिक एसिड और एन्थ्राक्विनोन डेरिवेटिव होते हैं। यदि गुड़मार की पत्तियों को दिन में दो से तीन बार चबाया जाता है तो शरीर में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
भूख को कम करता है गुड़मार
शोध के मुताबिक खाना खाने से 30 मिनट पहले यदि गुड़मार की पत्ती खा ली जाए तो भूख लगने की इच्छा कम होती है, साथ ही मीठा खाने की इच्छा खत्म हो जाती है।
वजन घटाने में मददगार है गुड़मार
गुड़मार वजन घटाने में सहायक होता है। गुड़मार टाइप-2
डायबिटीज के इटियोलॉजी और पैथॉफिजियोलॉजी से जुड़े कई कारकों को एक साथ प्रभावित करने की क्षमता है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोग 18 से 20 महीनों तक रोजाना 400 मिग्रा गुड़मार के पत्तों के अर्क का सेवन करते हैं तो उनकी फास्टिंग ब्लड शुगर में 29 प्रतिशत की गिरावट आ जाती है।
डिस्क्लेमर
स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।