डिजिटल डेस्क, इंदौर। दूध को एक बेहद जरूरी आहार माना जाता है। इसके बिना न्यूट्रीशन अधूरा माना जाता है। कई पेरेंट्स हर दिन बच्चों के दिन की शुरुआत और अंत दोनों ही एक गिलास दूध से करना चाहते हैं। जहां दूध मजबूत हड्डियों के लिए बेहद जरूरी है, वहीं ये जरूरी नहीं है कि हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए दूध की एकमात्र स्रोत है।
कैल्शियम के और भी कई बेहतरीन स्रोत हैं जैसे रागी। रागी को फिंगर मिलेट भी कहते हैं क्योंकि इस अनाज का सिर पांच उंगलियों के आकार का दिखता है। ये एक पौष्टिक ग्लूटन फ्री अनाज है, जो भारतीय क्यूजीन का एक अहम हिस्सा है।
यह डायबिटीज के मरीज के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके फायदों के कारण इसे मिरेकल ग्रेन भी कहा जाता है। रागी को पीस कर इसके आटे का डोसा या चिल्ला बनाया जा सकता है। माल्ट बेस्ड ड्रिंक्स में भी इसे मिला कर पिया जा सकता है। या फिर रागी को हल्का रोस्ट कर के स्नैक्स की तरह भी इसे अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि 100 ग्राम रागी में 344 mg कैल्शियम पाया जाता है, जिससे शरीर में प्रतिदिन कैल्शियम की डिमांड का 49% तक पूरी हो जाती है। इससे हड्डियां मजबूत बनी रहती हैं और ओस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर के खतरे से बचा जा सकता है।
इसमें मौजूद एमिनो एसिड स्किन, मसूड़े और बालों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
लैक्टेटिंग महिलाओं के लिए ये बेहद फायदेमंद माना जाता है। ये दूध के उत्पादन में मदद करता है।
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लैक्टोज इंटॉलरेंट लोग जो दूध का सेवन नहीं कर पाते हैं, वे भी ये ग्लूटन फ्री अनाज खा सकते हैं।
रागी में फिनोलिक एसिड, फ्लेवोनॉयड और टैनिन जैसे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो शरीर की सेल डैमेज से बचाव करते हैं और कई बीमारियों को दूर रखते हैं।
रागी में मौजूद फाइटोकेमिकल पाचन क्रिया को बढ़ावा देते हैं जिससे स्टार्च एब्जॉर्पशन की प्रक्रिया कंट्रोल होती है और ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल होता है।
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रागी में ट्रिप्टोफैन नाम का एमिनो एसिड पाया जाता है, जो अनावश्यक भूख को नियंत्रित करता है।
रागी अनावश्यक स्नैकिंग से बचाव करती है और वेट लॉस मैनेजमेंट में मदद करती है।