डिजिटल डेस्क, इंदौर। डिजिटल होती इस दुनिया में शरीर के किसी एक अंग का सबसे अधिक शोषण है तो वो है आंखें। जब आंखों को काफी देर तक फोकस की मुद्रा में रखा जाए या फिर इन्हें रिलैक्स करने का समय न दिया जाए, तो ये आई फटीग का कारण बनते हैं।
ऐसा लंबे समय तक स्क्रीन पर देखने से, बुक रीडिंग करने से, प्रदूषण से, यूवी किरणों से या लंबे समय तक ड्राइव करने के कारण हो सकता है। मेडिकल टर्म में इसे डिजिटल आई स्ट्रेन या फिर कंप्यूटर विजन सिंड्रोम भी कहते हैं।
आई फटीग से बचने का बेस्ट तरीका है, इससे बचाव करना। ऐसा तभी संभव है, जब हम अपने अंदर छोटे-छोटे बदलाव लाएंगे, जो हमारी आंखों को सुकून देंगे।
मॉनिटर की ब्राइटनेस कम करें। या तो डार्क मोड ऑन कर लें या फिर स्क्रीन से ब्रेक लेते रहें।
हर 20 मिनट में अपनी आंखों को स्क्रीन से हटाएं और हर दिशा में घुमाकर एक्सरसाइज करें।
आई योग करें। हाथों को रगड़ कर इसकी गर्माहट से अपनी आंखों को दबाएं।
आंखों को हर दिशा में घुमाएं। आंखों को घुमा कर 8 का फिगर बनाएं।
इससे आंख की मांसपेशियां मजबूत होंगी और इनकी फ्लेक्सिबिल्टी भी बढ़ेगी।
ये सभी एक प्रकार के आई वर्कआउट हैं, जो आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
इसके साथ ही आई फटीग को दूर करने में मदद भी करते हैं।
आर्टिफिशियल टियर्स का इस्तेमाल करें। ये आंखों को लुब्रिकेट करता है।
आर्टिफिशियल टियर्स आंखों की नमी बरकरार रखता है, जिससे ड्राई आईज की समस्या नहीं होती है।
स्क्रीन पर देखते देखते बीच बीच में पलकों को कई बार झपकाएं।
यह भी पढ़ें- ओमेगा-3 और ओमेगा-6 से भरपूर हैं ये बीज… दिल, दिमाग और स्किन को बनाते हैं बेहतर
स्क्रीन को अपनी आंखों से कम से कम 50 से 60 सेमी पर रखें।
विटामिन ए युक्त आहार लें, जिससे आंखों का स्वास्थ्य अच्छा बना रहे।