डिजिटल डेस्क, इंदौर। दाल भारतीय थाली का अहम हिस्सा माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, मूंग दाल को दाल की रानी भी कहा जाता है। मूंग दाल से सामान्य दाल बनाने के साथ मूंग दाल का चीला, डोसा, अप्पे, चाट, स्प्राउट्स, सैंडविच, ढोकला, इडली आदि भी बनाया जाता है।
मूंग दाल की तासीर ठंडी होती है, जो कि आसानी से पच जाती है। मूंग दाल के स्प्राउट्स के और भी कूलिंग प्रभाव होते हैं जो कि पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद हैं। जानते हैं मूंग दाल के ऐसे ही कुछ बेमिसाल फायदे…
वेट लॉस- मूंग दाल में कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। ये मेटाबॉलिज्म की बूस्ट करती है, जिससे वेट लॉस में मदद मिलती है।
डिटॉक्स- रोजाना मूंग की दाल खाने से शरीर से गंदगी बाहर निकलने में मदद मिलती है। ये बॉडी डिटॉक्स में मदद करती है। ये लिवर, गॉल ब्लैडर, खून और आंतों को भी साफ करके डिटॉक्स करती है, जिससे कई प्रकार की बीमारियों से बचाव होता है।
प्रोटीन- मूंग की दाल में बेहतर प्रोटीन पाया जाता है, जो शरीर को जरूरी पोषण देता है। कमजोरी महसूस होने पर मूंग दाल में मौजूद आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स मददगार साबित होते हैं। वीगन और वेजिटेरियन लोगों के लिए ये एक बेहतरीन विकल्प है।
ब्लड क्लॉट में मदद- 100 ग्राम मूंग दाल में लगभग 6.8 माइक्रोग्राम विटामिन के पाया जाता है। यह ब्लड क्लॉटिंग की प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार माना जाता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
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हार्ट हेल्थ- मूंग दाल में सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम होती है, जो हार्ट के लिए फायदेमंद होती है। इसमें मौजूद पोटेशियम और मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने में मदद करते हैं, जिससे हार्ट हेल्थ बेहतर होती है।
ब्लड शुगर कंट्रोल- भीगी हुई मूंग दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है। इसका मतलब ये हुआ कि ये धीमी गति से शुगर को ब्लडस्ट्रीम में भेजता है। इससे ब्लड शुगर लेवल संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। ये मूंग दाल को डायबिटिक व्यक्ति के लिए एक परफेक्ट सुपरफूड बनाता है।
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एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर- मूंग दाल में फ्लेवोनॉयड, फिनोलिक एसिड, आइसोफ्लैवंस जैसे एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ये फ्री रेडिकल को न्यूट्रल करते हैं, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं। इसके साथ ही यह कैंसर या हार्ट संबंधी बीमारियों के खतरे को कम करती है।