हेल्थ डेस्क, इंदौर। पॉलीअर्थराइटिस एक ऐसी स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें शरीर के एक साथ कई जोड़ प्रभावित होते हैं। यह जोड़ों में सूजन, दर्द, जकड़न और गतिशीलता में कमी का कारण बनती है। यह समस्या हाथ, घुटने, कंधे, एड़ी और उंगलियों जैसे एक से अधिक जोड़ों को प्रभावित कर सकती है। पॉलीअर्थराइटिस के लक्षण और कारण व्यक्ति-व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी हॉस्पिटल के अर्थोपेडिक एंड शोल्डर रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. अरुणांग्शु मुखर्जी इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं -
पॉलीअर्थराइटिस के कई कारण हो सकते हैं। इसके कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
ऑटोइम्यून विकार: शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कभी-कभी स्वस्थ ऊतकों पर हमला करती है, जिससे सूजन और दर्द होता है। रुमेटॉयड अर्थराइटिस इस स्थिति का एक सामान्य कारण है।
संक्रामक अर्थराइटिस: बैक्टीरिया या वायरस से होने वाले संक्रमण जोड़ों में सूजन का कारण बन सकते हैं। यह संक्रमण रक्त के माध्यम से जोड़ों तक पहुँचता है।
गाउट: यह एक प्रकार का गठिया है, जो शरीर में यूरिक एसिड के अत्यधिक जमा होने के कारण उत्पन्न होता है। सामान्यतः यह एक ही जोड़ को प्रभावित करता है, लेकिन गंभीर स्थिति में यह पॉलीअर्थराइटिस का कारण बन सकता है।
ऑस्टियो अर्थराइटिस: यह एक उम्र से संबंधित स्थिति है, जिसमें हड्डियां धीरे-धीरे टूटने लगती है, जिससे दर्द और सूजन होती है।
इसके लक्षण प्रभावित व्यक्ति के आधार पर अलग हो सकते हैं। इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
पॉलीअर्थराइटिस का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके उपचार के कुछ उपाय निम्न हैं -