
धूम्रपान एक आदत है जो न केवल हमारे शरीर के अंदरूनी हिस्सों को प्रभावित करती है, बल्कि इसके बाहरी प्रभाव भी होते हैं। यह आदत पूरी दुनिया में एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है, और यह हर साल लाखों लोगों की जान ले रही है।
धूम्रपान में पाया जाने वाला तंबाकू और अन्य रासायनिक पदार्थ हमारे शरीर के लिए अत्यधिक हानिकारक होते हैं, और इसका सेवन करना कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकता है। धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों को लेकर इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल के हेड एंड नेक ऑन्को सर्जन, डॉ. नितिन तोमर आगाह कर रहे हैं।
धूम्रपान से होने वाले प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं में सबसे पहले कैंसर का नाम आता है। तंबाकू में ऐसे रसायन होते हैं, जो शरीर में जाकर डीएनए को नुकसान पहुंचाते हैं और कोशिकाओं में उत्परिवर्तन (म्यूटेशन) का कारण बनते हैं। यह उत्परिवर्तन धीरे-धीरे कैंसर का रूप ले लेता है। विशेष रूप से, फेफड़ों का कैंसर धूम्रपान से जुड़ा हुआ सबसे आम कैंसर है, लेकिन यह मुंह, गला, किडनी, पैंक्रियास, और आंतों में भी विकसित हो सकता है।
इसके अलावा, धूम्रपान से हृदय रोग, श्वसन संबंधी समस्याएं और अन्य गंभीर बीमारियां भी उत्पन्न होती हैं। धूम्रपान से फेफड़ों में प्रदूषण होता है, जिससे श्वसन तंत्र कमजोर हो जाता है और सांस की तकलीफें उत्पन्न होती हैं। यह अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) जैसी बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ाता है। इसके अलावा, धूम्रपान से रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है, जिससे हृदय को काम करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इससे उच्च रक्तचाप, हृदयाघात और स्ट्रोक जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
धूम्रपान की आदत से छुटकारा पाना एक चुनौतीपूर्ण लेकिन संभव कार्य है। सबसे पहले, व्यक्ति को अपनी आदत को छोड़ने का दृढ़ निश्चय करना चाहिए। मानसिक तैयारी और धूम्रपान के खतरों के बारे में जागरूकता जरूरी है।
धीरे-धीरे तंबाकू उत्पादों का सेवन कम करना चाहिए और स्वस्थ विकल्प अपनाने चाहिए, जैसे कि ताजे फल, पानी या चाय। योग, ध्यान और शारीरिक व्यायाम भी तनाव को कम करने में मदद करते हैं। कई बार, पेशेवर मदद जैसे काउंसलिंग या निकोटिन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी फायदेमंद हो सकती है। धैर्य और संयम बनाए रखें, सफलता निश्चित होगी।