
डिजिटल डेस्क। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी, खराब खानपान और गलत आदतों के कारण लिवर कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। खास बात यह है कि इस बीमारी के शुरुआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं, जिन्हें लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन समय पर पहचाने गए संकेत जान बचा सकते हैं। यह आर्टिकल आपको बताएगा कि किन लोगों को लिवर कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा होता है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।
नियमित रूप से शराब पीने वाले लोगों में लिवर से जुड़ी समस्याएं काफी हद तक बढ़ सकती हैं। इससे लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचता है, जो धीरे-धीरे लिवर सिरोसिस व कैंसर में बदल सकता है।
हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी वायरस लिवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं और लंबे समय तक संक्रमण रहने से लिवर सिरोसिस और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। इन वायरसों के कारण लिवर में सूजन और धीरे-धीरे लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
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शरीर में चर्बी बढ़ने से लिवर पर दबाव पड़ता है। इससे नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) हो सकती है। इस स्थिति में लिवर में अतिरिक्त चर्बी जमा हो जाती है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और आगे चलकर लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
हाई ब्लड शुगर भी लिवर को प्रभावित कर सकता है। इससे लिवर कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। डायबिटीज के कारण लिवर में वसा जमा हो सकती है, जिससे नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) और आगे चलकर लिवर सिरोसिस या लिवर कैंसर हो सकता है।
अगर परिवार में किसी को लिवर कैंसर या हेपेटाइटिस रहा हो, तो अन्य सदस्यों में भी इसका खतरा बढ़ सकता है। हेपेटाइटिस बी और सी वायरस का संक्रमण परिवार के सदस्यों में फैल सकता है, और जेनेटिक कारक भी लिवर कैंसर के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इसलिए नियमित जांच करवाना जरूरी है।
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