डिजिटल डेस्क: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले नीतीश कुमार (Nitish Kumar) सरकार ने महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना (CM Women Employment Scheme) के तहत विस्तृत गाइडलाइन जारी कर दी है। इस योजना का उद्देश्य हर परिवार की एक महिला को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना और स्वरोजगार से जोड़ना है।
गाइडलाइन के अनुसार, पात्र महिलाओं को प्रारंभिक सहायता के रूप में 10,000 रुपये दिए जाएंगे। इसके लिए महिलाओं का जीविका दीदी स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ना अनिवार्य होगा। व्यवसाय शुरू करने के छह महीने बाद उनकी प्रगति का आकलन किया जाएगा, जिसके आधार पर महिलाओं को 15,000 रुपये, 75,000 रुपये या अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन दिया जा सकेगा। इन लोन पर ब्याज दर 12% प्रतिवर्ष होगी और भुगतान की अवधि 1 से 3 वर्ष तक निर्धारित की गई है।
राज्य में वर्तमान में 2.7 करोड़ परिवार रहते हैं और सरकार का लक्ष्य है कि प्रत्येक परिवार से एक महिला को इस योजना से जोड़ा जाए। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के अनुसार, इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और महिलाएं उद्यमिता के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा सकेंगी।
ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि योजना का लाभ केवल 18 से 60 वर्ष तक की महिलाएं ले सकेंगी। आवेदिका के पति या पिता आयकर दाता न हों और न ही वे सरकारी सेवा (नियमित या संविदा) में हों। अविवाहित महिला जिनके माता-पिता जीवित नहीं हैं, उन्हें एकल परिवार की श्रेणी में योजना का लाभ मिलेगा।
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी। आवेदन का फार्मेट जारी कर दिया गया है। सभी भुगतान DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे बैंक खातों में किए जाएंगे। महिलाओं को जीविका समूह से जुड़ने के लिए ग्राम संगठन में आवेदन और स्वघोषणा देनी होगी।
जीविका दीदी योजना (Jeevika Didi Yojana) वर्ष 2006 में विश्व बैंक की सहायता से शुरू की गई थी। वर्तमान में बिहार में 10.81 लाख स्वयं सहायता समूह कार्यरत हैं, जिनसे 1.34 करोड़ से अधिक महिलाएं जुड़ी हुई हैं। ये महिलाएं कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, सिलाई-कढ़ाई, किराना दुकान और छोटे उद्योगों से जुड़ी हैं। हाल ही में जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का गठन भी किया गया है, जो एक बैंक की तरह महिलाओं को सस्ते लोन उपलब्ध कराएगा।
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योजना के तहत पहले चरण में 18 तरह के व्यवसायों की सूची बनाई गई है। इनमें सब्जी एवं फल दुकान, डेयरी प्रॉडक्ट, किराना दुकान, मोबाइल रिपेयरिंग, स्टेशनरी, ब्यूटी पार्लर, कृत्रिम ज्वेलरी, कपड़ा, फूटवियर, सिलाई दुकान, ई-रिक्शा, बकरी पालन, मुर्गी पालन और गौ पालन शामिल हैं।
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सरकार का कहना है कि इस योजना से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा और हर परिवार में एक महिला उद्यमी के रूप में स्थापित हो सकेगी।
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